रायपुर

खून देय म नुकसान नइ होय

आंखी अउ लहू दान करई कतेक जरूरी हे?

रायपुरJun 06, 2018 / 06:08 pm

Gulal Verma

खून देय म नुकसान नइ होय

बीमरहा मनखेमन घलो हमरे बीच के आय। कांही बीमारी अउ कोनो अंग के खराब होय के सेती ऐकरमन के जिनगी म वो खुसी नइ राहय जेन बने मनखे के जिनगी म रहिथे। आंखी वाला ह जम्मो जिनिस ल देखथे, सबो रंग ल जानथे फेर बिना आंखीवाला मनखे बर सबो ह करिइयच- करिया। अइसन मनखे के जिनगी म आंखी मिले से उजियारा हो सकत हे।
कतकोन बीमरहा मनखे ल खून देय ले वोकर परान बांच सकत हे। जेन घर के मुखिया खून के कमी ले मर जथे वोकर घर-परवार म सन्नाटा पसर जथे। किडनी के बीमरहामन के आज चारो कोती ले सोर सुनई देथे। आंखी, खून, किडनी देवइया कमती हें अउ जरूरत जादा हे तेकर पाय के गैर कानूनी ढंग ले खरीदे-बेचे के धंधा अड़बड़ चलत हे। विकलांग, अधमरहा, बीमरहा मनखे घर-परवार के साथ समाज के मनखे हे ए बात ल रिस्तेदार अउ समाज के लोगनमन ल समझे बर परही। वोकर जिनगी ल बचाय बर खून, आंखी, गुरदा देय बर आगू आय ले परही। अपन घर-परवार-समाज के दु:ख-पीरा ल मिलजुर के दूर करे जा सकत हे। सिरिफ इच्छासक्ति के जरूरत हे।
देह, आंखी, लहू दान करे ल लेके आजो कतकोन मनखेमन म डर अउ अंधबिसवास समाय हे। कोनो कहिथे-खून देय ले कमजोरी आ जाही। फेर, कुछु काम के नइ रइबो। कोनो कहिथें – खून देय ले दिमाग कमजोर हो जाही। अइसन कुछु बात नइये, बल्कि खून देय ले हमर नसमन म नवां खून भर जाथे। सतरा बछर ले ऊपर अउ पैंसठ बछर के कोनो मनखे खून दे सकत हे। फेर वोकर बजन पचास किलो के ऊपर होय बर चाही।
सबो मनखेमन बर रक्तदान ह महादान आय। खून के हर बूंद ह मरत मनखे ल जीवनदान देथे। खून के आज तोला त काल मोला जरूरत परतेच रहिथे। खून देवइया ल तीन दिन पहिली सरदी झन होय रहय। खून देवइया ह तीन दिन पहिली कुछु एंटी बायोटिक दवई झन खाए रहय। खून देवइया ह माईलोगन ए त वोकर गरभ के समे ह डेढ़ महीना ले उपर होवय। सिकेलिस असन बीमारी गनोरिया, केंसर, मधुमेह, हीमोफीलिया, मलेरिया, एच.आई.वी. टेस्ट पाजीटिव्ह बीमारी या फेर ऐकर इलाज करवइया मन ला खून नइ देना चाही।

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