रायपुर

रामलला के ननिहाल की मिट्टी लेकर अवध पहुंचे छत्तीसगढ़ के फैज, संत युधिष्ठिर आज पहुंचेंगे अयोध्या

– समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे मोहम्मद फैज। – आधिकारिक निमंत्रण पर जा रहे हैं शदाणी दरबार के प्रमुख, साथ में विहिप नेता भी।

रायपुरAug 03, 2020 / 11:15 pm

CG Desk

रामभक्त मोहम्मद फैज

रायपुर. अयोध्या में राम मंदिर के भूमिपूजन की तैयारियों से छत्तीसगढ़ के लोगों और राजनीतिक दलों ने भी खुद को जोड़ लिया है। रायपुर के रामभक्त मोहम्मद फैज रामलला के ननिहाल चंदखुरी मंदिर परिसर की मिट्टी लेकर अवधपुरी के बाहर तक पहुंच चुके हैं। वहीं शदाणी दरबार के प्रमुख संत युधिष्ठिर लाल मंगलवार सुबह 10 बजे की उड़ान से दिल्ली-लखनऊ होकर अयोध्या के लिए रवाना होंगे। उनके साथ छत्तीसगढ़ प्रांत विश्व हिन्दू परिषद के धर्माचार्य संपर्क मंत्री बजरंग प्रसाद रजक भी अयोध्या जा रहे हैं।
आयोजकों ने उन्हें आधिकारिक तौर पर आमंत्रित किया है, ऐसे में संत युधिष्ठिर और विहिप नेता रजक मुख्य समारोह में शामिल होंगे। संत युधिष्ठिर लाल अपने साथ एक चांदी का कलश ले जा रहे हैं, जिसमें छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्रों से संग्रहित मिट्टी है। उसमें छत्तीसगढ़ के कृषि संस्कृति के प्रतीक स्वरूप चांदी के बैलों की जोड़ी और फावड़ा भी रखा गया है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ी कोसा की पांच शाल भी अयोध्या ले जाएंगे। छत्तीसगढ़ वेद संरक्षण समिति के अध्यक्ष रामचंद्र शास्त्री गल की अगुवाई में सोमवार शाम वीआईपी रोड स्थित राम मंदिर में कलश की शास्त्रोक्त पूजा हुई।
पत्रिका से बातचीत में मोहम्मद फैज ने बताया, 23 जुलाई को सुबह पूरे विधि- विधान से पूजा करने के बाद चंदखुरी मंदिर परिसर से थोड़ी मिट्टी उठाकर उन्होंने यात्रा शुरू की थी। उनका मकसद था, भगवान राम के मंदिर निर्माण में उनकी ननिहाल की रज लेकर मैं भी शामिल हो जाऊं। यह मेरे लिए गर्व की बात थी. फैज ने कहा, उनकी यात्रा और मंदिर के कार्यक्रम में शामिल होने से कुछ लोगों को आपत्ति है। विहिप के नेताओं ने उन्हें अपने बारे में बात करने से मना किया है। उनका मुख्य कार्यक्रम में शामिल होना भी संभव नहीं दिख रहा है। इससे फैज दुखी हैं. हांलाकि उन्होंने कहा, वे मंगलवार को अयोध्या पहुंचकर माता कौशल्या मंदिर की रज श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट को सौंप देंगे। इधर शदाणी दरबार में संत युधिष्ठिर लाल की यात्रा की तैयारी जारी है। शदाणी सेवा मंडल के सचिव अशोक चावला ने बताया, विहिप के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ के प्रांत अध्यक्ष रमेश मोदी प्रदेश के 11 प्रमुख पवित्र स्थलों की मिट्टी उपलब्ध करा रहे हैं। उनकी विधिवत पूजा होगी। उसके बाद रवाना किया जाएगा. संत युधिष्ठिर लाल आरएसएस और विहिप की राजनीति के प्रमुख स्तंभ हैं। वे विहिप की उच्च अधिकार समिति में भी शामिल हैं। बताया जा रहा है, अयोध्या पहुंचने पर ट्रस्ट और स्थानीय सिंधी समुदाय उनका स्वागत करने वाले हैं।

राजनीतिक दलों में उत्सव की होड़
भाजपा – भाजपा के प्रदेश मुख्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर और एकात्म परिसर में रोशनी की जा रही है। पांच अगस्त को इन्हें दीपों से सजाया जाएगा। कार्यकर्ताओं को अपने घरों में हवन पूजन और शाम को दीप जलाने का आह्वान किया गया है। केसरिया ध्वज भी घरों पर फहराने की तैयारी है।

कांग्रेस – कांग्रेस नेता भी अलग – अलग तरीके से भूमिपूजन से खुद को जोडऩे की कोशिश में हैं। रायपुर पश्चिम से कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय अपने क्षेत्र में मिट्टी के 25 हजार दिए बंटवा रहे हैं। उनका मकशद 5 अगस्त की शाम क्षेत्र के हर घर में दीपोत्सव की है. दूसरे नेता भी अपने क्षेत्र में ऐसी तैयारी कर रहे हैं। एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा ने कार्यकर्ताओं को पांच अगस्त को पर्व के तौर पर मनाने का निर्देश दिया है. एनएसयूआई ने इसे ‘श्री राम के नाम, एक दिया ननिहाल में नाम दिया है।

आक्रामक हुए विकास, कहा-भाजपा नहीं चाहती थी, राजीव गांधी राजनीति में रहें
संसदीय सचिव विकास उपाध्याय राम मंदिर मामले में भाजपा की राजनीति को लेकर आक्रामक हैं। सोमवार को उपाध्याय ने कहा, राजीव गांधी के उदार हिंदुत्व की ओर बढ़ते कदम से भाजपा व उसके आनुषंगिक संगठन चिंतित थे। वो नहीं चाहते थे कि राजीव गांधी ज्यादा समय तक राजनीति में रहें। ठीक चुनाव के वक्त 1991 में उनकी हत्या होना इस बात का प्रमाण है। विकास ने कहा, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी का तो कम से कम कभी कोई भूमिका नहीं रही। इतना जरूर है कि मोदी ने राम के नाम पर देश की जनता को गुमराह किया। वे इस मुद्दे को राजनैतिक रंग देते रहे।

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