scriptCG Budget 2021-22: राम मार्ग को मिला 30 करोड़, कौशल्या माता मंदिर पर खर्च होगा 16 करोड़ | Ram Marg gets 30 crores, 16 crores rs spent on Kaushalya Mata temple | Patrika News

CG Budget 2021-22: राम मार्ग को मिला 30 करोड़, कौशल्या माता मंदिर पर खर्च होगा 16 करोड़

locationरायपुरPublished: Mar 01, 2021 10:25:44 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

– बजट में राम वनगमन मार्ग के लिए है प्रावधान- राज्य सरकार ने पहले चरण में 9 स्थानों का चयन किया है

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रायपुर. राम वनगमन (Ram Van Gaman) को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए राज्य सरकार ने पहले चरण में नौ स्थानों को चुना है। इन जगहों को विकसित और संरक्षित करने के लिए बजट में 30 करोड़ रुपए का प्रावधान है। इसमें राजधानी रायपुर से करीब 28 किमी चंदखुरी गांव में माता कौशल्य मंदिर का निर्माण प्रमुख है। इस प्रोजेक्ट को पूरा कराने में 16 करोड़ रुपए खर्च होगा। क्योंकि सरकार पहले से ही इस काम कर रही है।
मान्यता यही है कि यह कभी दक्षिण कोसल की राजनगरी हुआ करती थी। यही जगह माता कौशल्य (Kaushalya Mata) का मायका होने से भगवान श्रीराम का ननिहाल माना जाता है। यहां माता कौशल्या (Kaushalya Mata Mandir) का प्राचीन मंदिर है। इस पूरे क्षेत्र को आकर्षक ढंग से विकासित करने का प्लान है।

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माता कौशल्या मंदिर को ऐसा रूप दिया जाना है, जिससे कि आने वालों भक्तों को यह अहसास हो सके कि भगवान राम का उनके ननिहाल में जैसा बचपन बीता था, उन भावों को मंदिर की दीवारों पर कलाकृतियों के माध्यम से देख सकें। वैसा ही उकेरा भी जाएगा। कौशल्या माता मंदिर परिसर में पहुंचने पर दक्षिण कौसल के वैभव का दृश्य नजर आएगा।
भव्य प्रवेश द्वार होगा
चंदखुरी पहुंचने पर कौशल्या मंदिर परिसर में भव्यता लिए प्रवेश द्वार नजर आएगा। परिसर धार्मिक आस्था का केंद्र होगा। प्राचीन कलाओं को समेटे मंदिर में नई नहीं, बल्कि माता कौशल्य की पुरानी मूर्ति ही स्थापित करने का निर्णय गया है।

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तालाब बीच बनेगा लक्ष्मण झूला जैसा पुल
कौशल्य माता मंदिर तक पहुंचने के लिए तालाब के बीचोंबीच लक्ष्मण झूला जैसा ब्रिज बनेगा, क्योंकि मंदिर तालाब के बीच है। उस पूरे परिसर को आकर्षक स्वरूप दिया जाना है, जिसे देखकर ऐसा लगे मानो पुल तालाब में तैयार रहा है।
इन स्थानों पर भी होगा खर्च
सीतामढ़ी सरगुजा, तुरतुरिया बारनावापारा, लोमश ऋषि आश्रम राजिम, शृंगी ऋषि आश्रम सिहावा। इन जगहों से होकर वनवास के समय भगवान राम निकले थे। ऐसी मान्यताएं हैं। जिसे विकसित किया जाना है।
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