कोरोना की भयावह स्थिति के कारण शहर में Lockdown है। नवरात्रि पर्व प्रारंभ होने से चार दिन पहले से ऐसी स्थिति बन गई कि मंदिरों के पट भक्तों के लिए बंद कर दिए। इसलिए लोग घरों में माता की चौकी सजाकर शक्ति उपासना का पर्व मना रहे हैं। मंदिरों में केवल पुजारी पूजा-आरती कर रहे हैं।
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इस दिन सत्तीबाजार के अम्बा देवी मंदिर में 500 दीपों से सजी थाल लेकर सैकड़ों महिला श्रद्धालु एक रंग के पोशाक में मंदिर पहुंचती थीं। सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु एक साथ मां जगम्दबे की महाआरती जुटते थे। 21 अप्रैल को भगवान राम जन्मोत्सव मनेगा, परंतु सब उत्सव घर घर में ही मन रहा है। इस अवसर पर धूम हुआ करती है, लेकिन इस बार भगवान राम की सवारी भी नहीं निकलेगी।श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा मठ
शहर का प्राचीन दूधाधारी मठ और जैतूसाव मठ के ट्रस्टी और पुजारी ही भगवान का जन्मोत्सव मनाएंगे। दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदर दास के अनुसार साल में तीन बार रामनवमी, दशहरा और दीवाली पर भगवान का स्वर्ण अभिषेक करने की परंपरा है। रामनवमी पर्व पर विधि-विधान से पूजन अभिषेक होगा परंतु श्रद्धालुओं के मठ बंद है।
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सिर्फ नौ दीप जलाकर रस्में पूरी करेंगे
वीआईपी रोड राममंदिर के प्रधान पुजारी हनुमंत लाल के अनुसार रामनवमी उत्सव मनाने की सिर्फ रस्में पूरी करेंगे। कई वर्षों से 9000 दीप जलाकर उत्सव मनाने की परपंरा थी, परंतु इस बार भगवान का अभिषेक पूजन कर सिर्फ नौ दीप जलाकर उत्सव मनाएंगे। भक्तों का प्रवेश कोरोना के कारण वर्जित है।