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राम वनगमन पर्यटन परिपथ को अब तक नहीं मिली मंजूरी, राज्य ने केंद्र को भेजा था 137 करोड़ का कांसेप्ट प्लान

locationरायपुरPublished: Aug 05, 2020 02:57:50 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में अब तक राम वनगमन पर्यटन परिपथ को केंद्र से मंजूरी नहीं मिल सकी है। जबकि छत्तीसगढ़ सरकार ने मार्च में 137 करोड़ 45 लाख रुपए की लागत का एक कांसेप्ट प्लान तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा था।

रायपुर. भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में अब तक राम वनगमन (Ram Vanagaman Path) पर्यटन परिपथ को केंद्र से मंजूरी नहीं मिल सकी है। जबकि छत्तीसगढ़ सरकार ने मार्च में 137 करोड़ 45 लाख रुपए की लागत का एक कांसेप्ट प्लान तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा था। इसमें ऐसे 9 क्षेत्रों को विकसित करने की योजना थी, जहां भगवान राम के कदम पड़े थे।
सरकार की मंशा थी कि केंद्र सरकार अपनी स्वदेश दर्शन योजना में इसको शामिल करें। इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी 4 जून को केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल को पत्र लिखा था। राज्य सरकार की मंशा है कि चयनित नौ योजनाओं में पर्यटकों की सुविधा के लिए विश्वस्तरीय दो अधोसंरचनाएं विकसित विकसित की जाए। मंजूरी के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से कई बार संपर्क किया है। फिलहाल, वहां से एक ही जवाब आ रहा है कि लॉकडाउन की वजह से इस संबंध में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।

पर्यटन के रूप में विकसित करने की यह एक बड़ी वजह
प्रभु श्रीराम ने उत्तर भारत से छत्तीसगढ़ में प्रवेश के बाद विभिन्न स्थानों पर चौमासा व्यतीत करते हुए दक्षिण भारत में प्रवेश किया गया था। अतः छत्तीसगढ़ को दक्षिण पथ भी कहा जाता है। कोरिया जिले की गवाई नदी से होकर सीतामढ़ी हरचौका नामक स्थान से प्रभु श्रीराम ने छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया था। उन्होंने 75 स्थलों का भ्रमण करते हुए सुकमा जिले के रामाराम से दक्षिण भारत में प्रवेश किया था। उक्त स्थलों में से 51 स्थल ऐसे हैं, जहां प्रभु श्रीराम ने भ्रमण के दौरान रुक कर कुछ समय व्यतीत किया था, जिसकी पुष्टि शोधकर्ताओं के शोध आलेखों से होती है।

इन स्थलों को किया जाएगा विकसित
राम वनगमन पर्यटन परिपथ को विकसित करने के उद्देश्य से प्रथम चरण में नौ स्थलों का चयन किया गया है। इन स्थलों में सीतामढ़ी-हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (अंबिकापुर), शिवरी नारायण (जांजगीर चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा-सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर), रामाराम (सुकमा) शामिल है।

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