रमन ने कहा कि वो (मुख्यमंत्री) इस बात को कह रहे हैं कि कवर्धा की छोटी घटना को बड़ा किया जा रहा है। भूपेश जी भगवा ध्वज को कुचलना और व्यक्ति उसे बचाने गया उसे बेहोश होते तक मारना। 48 घंटे तक एफआइआर न होने देना, यह बहुसंख्यक समाज को दबाने का षडयंत्री है। मंत्री ने इशारे पर एफआईआर दर्ज नहीं होती।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 3 साल में इनके कार्यकाल की घुटन थी, जो विष्फोटक के रूप में सामने आई है। उसके बाद भी हजारों की संख्या में लोगों होने के बावजूद न किसी को मारा, न आगजनी की। सिर्फ नारे लगाते रहे, यह अनुशासित संगठन है।