किसान का 10-12 एकड़ का खेत होता है। मगर, जब उसे पता चले कि उसके पास 0.2 एकड़ खेत भी नहीं है, पूरा काट दिया गया। उसके ऊपर हजारों रुपए का कर्ज होता है, वह धान बेचकर उसे पटाना चाहता है। मगर, जब कह दिया जाए कि वह 200 क्विंटल धान नहीं 1 क्विंटल ही धान बेच सकता है तो किसान कहां जाएगा? वह सदमें में आ जाता है। डॉ. रमन ने कहा कि सरकार ने पहले रजिस्ट्रेशन में गड़बड़ी की। रकबे काटे गए। सरकार धान खरीदी पर असफल रही है।
जिम्मेदारों पर मुकदमा दर्ज हो: साय
भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि भ्रष्ट तंत्र ने राजनांदगांव के किसान को मौत के घाट ही उतार दिया। खरीदी केंद्रों में पुख्ता इंतज़ाम का शोर मचाने वाली सरकार बताए कि क्या धान तौलने के लिए घूस मांगने के पुख्ता इंतजाम भी किए गए हैं? सरकार इस प्रकरण में जिम्मेदारों के खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज कर कड़ी सजा दिलाने के लिए पुख्ता इंतजाम करे।