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रमन को ही भाजपा ने छत्तीसगढ़ में अपना पसंदीदा नेता मानने का दिया साफ संकेत

locationरायपुरPublished: Jun 03, 2020 07:15:40 pm

Submitted by:

bhemendra yadav

भाजपा की लगभग 18 माह पूर्व विधानसभा चुनावों में हार के बाद ही डा.सिंह के खिलाफ राज्य में पार्टी का एक गुट सक्रिय हो गया,और वह उन्हे दरकिनार करने की कोशिशों में जुट गया।

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रायपुर. भारतीय जनता पार्टी आलाकमान ने छत्तीसगढ़ में श्री विष्णुदेव साय को अध्यक्ष की कमान सौंपकर राज्य के 15 वर्षों तक मुख्यमंत्री रहे डा.रमन सिंह को एक बार फिर अपना पसंदीदा नेता मानने का जहां साफ संकेत दे दिया है,वहीं पार्टी में उनके विरोधियों को करारा झटका दिया है।
भाजपा की लगभग 18 माह पूर्व विधानसभा चुनावों में हार के बाद ही डा.सिंह के खिलाफ राज्य में पार्टी का एक गुट सक्रिय हो गया,और वह उन्हे दरकिनार करने की कोशिशों में जुट गया।उसने दिल्ली के खूब चक्कर लगाए।इसी बीच लोकसभा चुनाव आ गए। डा. सिंह ने टिकटों के वितरण के दौरान राज्य की सभी 11 सीटों पर नए प्रत्याशी उतारने का यह जानते हुए भी पार्टी को सलाह दे दी कि उससे उनके पुत्र अभिषेक सिंह की भी राजनांदगांव से टिकट कट जायेंगा।
पार्टी सूत्रों के अनुसार डा.सिंह की सलाह को राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सौदान सिंह का भी समर्थन मिला और सभी सीटो पर नए प्रत्याशी उतारे गए।डा.सिंह के पुत्र का भी टिकट कटने से कोई इसका विरोध नही कर पाया।डा.सिंह ने जमकर प्रचार भी किया।इसके चलते विधानसभा चुनावों में तीन चौथाई बहुमत से सत्ता में आने वाली कांग्रेस केवल दो सीटे जीत पाई,जबकि भाजपा ने नौ सीटे जीतकर जोरदार वापसी की।
राज्य में इसके बाद नगरीय निकाय चुनाव हुए। लोकसभा चुनावों में करारी शिकस्त से भयभीत कांग्रेस सरकार ने निकायों में महापौर एवं अध्यक्ष के जनता से सीधे होने वाले चुनाव की प्रक्रिया को बदल दिया और अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव करवाए। इसके चलते भाजपा निगमों, नगरपालिका एवं नगर पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर नही रहा लेकिन उसने इसके बाद भी सत्ता पक्ष को कड़ी चुनौती दी।
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