रायपुर शहर में तेजी से फैल रही खुजली, हजारों लोग संक्रमण से हो रहे शिकार
पचपेढ़ी नाका, टिकरापारा, संजय नगर में ही हजारों लोग इस संक्रमण की चपेट में आ चुके है और निजी डॉक्टरों के यहां इलाज करवा रहे हैं। कुछ लोग आयुर्वेदिक इलाज भी कर रहे हैं। आलम यह है कि लोग खुजली के मरीजों को देखकर दूर भागते हैं। एक व्यक्ति को होने पर उसका पूरा परिवार चपेट में आ रहा है।

रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर शहर में लोग फंगल इंफेक्शन (दाद, खाज, खुजली) की चपेट में आ गए हैं। ये संक्रामक रोग की तरह लगातार तेजी से फैलते जा रहा है। लगातार खुजली से चमड़ी पर लाल निशान जैसे चकत्ते पड़ रहे हैं।
पचपेढ़ी नाका, टिकरापारा, संजय नगर में ही हजारों लोग इस संक्रमण की चपेट में आ चुके है और निजी डॉक्टरों के यहां इलाज करवा रहे हैं। कुछ लोग आयुर्वेदिक इलाज भी कर रहे हैं। आलम यह है कि लोग खुजली के मरीजों को देखकर दूर भागते हैं। एक व्यक्ति को होने पर उसका पूरा परिवार चपेट में आ रहा है। कई मरीज तो 4 से 5 माह से इलाज करवा रहे हैं लेकिन दवाइयां भी उन पर असर नहीं कर रही है। महंगी दवाइयां और निजी क्लीनिकों की मोटी फीस और महंगी दवाइयां लेने के बाद लोग अब इस रोग से खीज गए हैं।
यह रोग लगातार फैल रहा लेकिन स्वास्थ्य विभाग को इसकी अभी तक खबर ही नहीं है। अभी कोरोना के चलते पीडि़त मरीज अस्पताल तक तो आते हैं लेकिन चर्मरोग विशेषज्ञ न होने से निराश लौट जाते हैं। फंगल इंफेक्शन की चपेट में शहर के एक या दो क्षेत्र नहीं है। पूरे शहरभर में यह बीमारी फैल रही है। आलम यह है कि यह रोग पीठ, पैर, चेहरे, गर्दन, पेट, थाई पर होने वाली खुजली से रात को मरीज सो नहीं पा रहे हैं।
निजी अस्पताल के चर्म रोग विशेषज्ञ भी मान रहे हैं कि शहर में फंगल इंफेक्शन के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। डॉक्टरों के पास खुजली के मरीज लगातार पहुंच रहे हैं।
खानपान व घरों के आगे गंदगी से फैल रहा रोग
चर्मरोग विशेषज्ञों ने कहा कि दाद, खाज, खुजली का रोग शहर में तेजी से बढ़ रहा है। क्लीनिक पर ही हर दिन कई मरीज आ रहे हैं। साफ, सफाई नहीं रखने व पसीना, दूषित पानी, घरों के आगे गंदगी जमा होने के कारण भी यह रोग हो रहा है। खुजली के मरीजों का तौलिया, कपड़े इस्तेमाल ना करें। इससे संक्रमण फैलता है।
...तो यह उपाय अपनाएं
1 नीम की पत्तियों को उबालकर, उस पानी से स्नान करने से शरीर और त्वचा में मौजूद कीटाणु समाप्त हो जाते हैं, और खुजली होने की परेशानी से निजात मिलती है।
2 लहसुन की कुछ कलियां लेकर उसे सरसों के तेल में डालकर गर्म करें। जब वे कलियां पूरी तरह से जल जाए, तो उस तेल को छानकर, पूरे शरीर में उसकी मालिश करें। खुजली में लाभ होगा।
3 तिल या फिर सरसों के तेल को गर्म करके ठंडा कर, उसे तेल से की गई मालिश से विकार खत्म होकर, खुजली की समस्या में राहत मिलती है।
4 पारा और आंवलासार गंधक की कजली, नीला थोथा, हल्दी, मेंहदी, तीवा, अजवाइन और मालकंगनी को मिलाकर चूर्ण बना लें और घी के साथ पिघलाया हुआ मोम डालकर, गाय के घी में एक दिन तक घोटकर लगाने से खुजली ठीक हो जाती है।
5 सरसों के तेल में आक के पत्तों का रस और हल्दी की लुगदी बनाकर डालें। इसे गर्म कर ठंडा करें और खुजली होने पर इस्तेमाल करें।
6 सेंधा नमक, पंवार के बीज, सरसों और पिप्पली को कांजी में महीन पीसकर, खुजली वाले स्थान पर इसका लेप करने से खुजली ठीक हो जाती है।
7 तीन ग्राम जीरा और 15 ग्राम सिंदूर को पीसकर, सरसों के तेल में पकाएं। अब इस तैयार लेप को खुजली वाले स्थान पर लगाएं। इस लेप के प्रयोग से खुजली समाप्त हो जाती है।
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