युकांइयों ने अग्निपथ योजना के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन
युवक कांग्रेस के द्वारा केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया गया और मांग की गई कि अग्निपथ को वापस लिया जाए। इसके लिए एक ज्ञापन राष्ट्रपति के नाम एसडीएम भाटापारा को सौंपा गया। ज्ञापन में बताया गया कि अग्निवीरों को केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल में वरीयता दिए जाने की घोषणा की गई है। नियमों के अनुसार सिर्फ 10 फीसदी पूर्व सैनिकों को ही दोबारा से भर्ती करने का प्रावधान है।
रायपुर
Published: June 21, 2022 04:36:31 pm
भाटापारा। युवक कांग्रेस के द्वारा केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया गया और मांग की गई कि अग्निपथ को वापस लिया जाए। इसके लिए एक ज्ञापन राष्ट्रपति के नाम एसडीएम भाटापारा को सौंपा गया। ज्ञापन में बताया गया कि अग्निवीरों को केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल में वरीयता दिए जाने की घोषणा की गई है। नियमों के अनुसार सिर्फ 10 फीसदी पूर्व सैनिकों को ही दोबारा से भर्ती करने का प्रावधान है। अगर अग्निवीर इस कैटेगरी के तहत भर्ती किए जाते हैं तो उन्हें एक बार फिर से ट्रेनिंग करनी होगी। क्योंकि सीएपीएफ की जरूरत अलग होती है। आईबीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और सीआईएसएफ का काम बॉर्डर पर पेट्रोलिंग करना, ड्रग्स पकडऩा, चुनाव और दंगों के दौरान कानून व्यवस्था को बनाए रखना, वीवीआईपी की सिक्यूरिटी, मेट्रो और एयरपोर्ट में यात्रियों पर नजर रखने का काम होता है, जबकि सेना का एक भी काम ऐसा नहीं होता जो इस प्रोफाइल से मेल खा सके। अगर अग्निवीरों को सामान उम्मीदवारों के रूप में फिर से पूरी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है तो 4 साल की ट्रेनिंग और सेवा का क्या मतलब है? साथ ही वर्तमान में भूतपूर्व सैनिक कोटा पहले से ही है। क्या इन उम्मीदवारों को एक ही कोटे में शामिल किया जाएगा या एक अलग आयक -जावक कोटा बनाया जाएगा ।
सरकारी नौकरियों में अग्निवीरों को प्राथमिकता देना कागजों में अच्छा लगता है। व्यवहारिकता में दूसरे सरकारी विभाग इस प्राथमिकता को अपने भर्ती सिस्टम में घुसपैठ मानेंगे। बाद में अग्निवीरों को प्रमोशन और सीनियरिटी में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। 38 साल की उम्र में रिटायर्ड सैनिक के अनुभव को देखते हुए बहुसंख्यक अग्निवरों का सीएपीएफ में शामिल होना मुश्किल लगता है । रिटायर्ड जवान या तो प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी में गार्ड का काम कर रहा है या फिर पूरी तरह से पेंशन और रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली सुविधाओं पर निर्भर है। समाज में उनके लिए कोई सम्मानजनक रोजगार की व्यवस्था ही नहीं है। 21 से 25 साल के अग्निवीरों को तो पेंशन और रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली सुविधाएं भी नहीं मिलेगी।
21 से 25 वर्ष की उम्र में रिटायर हुआ अग्निवीर लंबे समय तक बेरोजगार रहता है तो उसके अपराध सिडिकेट. कट्टरपंथी, राजनीतिक संगठनों और विदेशी खुफिया एजेंसियों के चंगुल में फंसने की संभावना बढ़ सकती है। अग्निवीर सैन्य इकाइयों, ठिकानों और रक्षा प्रतिष्ठानों के ले-आउट के बारे में बहुत अधिक जानते होंगे, क्योंकि उन्होंने इनमें काम कर रखा होगा। हर साल 40 हजार अग्निवीर रिटायर्ड होंगे और हर साल ये संख्या बढ़ती जाएगी।
भाटापारा युवा कांग्रेस ने पटपर यात्री प्रतीक्षालय से शाम 5 बजे एस.डी.एम. आफिस तक शांतिपूर्वक पदयात्रा अग्निपथ के विरोध में महेन्द्र सेन के नेतृत्व में निकली। जिसमें मुख्य रूप से नरेन्द्र ब्रम्हरकर पूर्व उपाध्यक्ष युवा कांग्रेस, लोकेश मंगलानी जिला संयोजक, रितेश सोनवानी, गणेश्वर साहू, लक्की देवांगन, कुनाल साहू, दानेश साहू, संजय वर्मा, नंदू वर्मा, तीर्थंकर वर्मा, मयंक साहू आदि उपस्थित थे।

युकांइयों ने अग्निपथ योजना के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन
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