जिले मेंतकरीबन 16 लाख बारदानों की कुल राशि डेढ़ करोड़ उचित मूल्य की दुकानों की मिलनी है, लेकिन एक वर्ष हो गए हैं। यदि प्रदेश के बात करें तो यह राशि 20 करोड़ से ऊपर है। अभी तक राशि अप्राप्त है। दूसरी ओर मार्कफेड के अधिकारी ने कहा कि तो करोना काल के कारण बारदाने का मिलान नहीं हो पाया है। मार्कफेड के अधिकारियों का कहना है कि दुकान संचालकों को बारदानों का भुगतान किया जा चुका है। जिन्हें भुगतान नहीं हुआ है वे कार्यालय आकर संपर्क कर सकते हैं।
इसलिए कतराते हैं राशन दुकान संचालक
सत्र 2018-19 का भुगतान विभाग द्वारा किया गया है। इसके बाद से 2019-20, 2020-21 का भुगतान अभी तक नहीं मिला। विभाग द्वारा वर्तमान में 14 रुपए प्रति बारदाना की दर से भुगतान करना है, जबकि खुले बाजार में बारदाना की कीमत 20 रुपए हो गई है। यह भी एक बड़ा कारण राशन दुकान संचालकों द्वारा बारदाना नहीं देने का है।
सत्र 2018-19 का भुगतान विभाग द्वारा किया गया है। इसके बाद से 2019-20, 2020-21 का भुगतान अभी तक नहीं मिला। विभाग द्वारा वर्तमान में 14 रुपए प्रति बारदाना की दर से भुगतान करना है, जबकि खुले बाजार में बारदाना की कीमत 20 रुपए हो गई है। यह भी एक बड़ा कारण राशन दुकान संचालकों द्वारा बारदाना नहीं देने का है।
लिख चुके हैं पत्र
2018-19 की राशि भी अभी तक नहीं मिली है। इस साल का बारदाना मार्कफेड से पूरे जिले के उचित मूल्य की दुकानों से उठाव किया जा रहा है। यदि दुकानदार बारदाना देने में आनाकानी करते हैं तो उन्हें अधिकारियों से एफआइआर दर्ज करने की धमकी मिलती है और उन्हें बारदाने की राशि भी नहीं दी जाती। इसे लेकर 2018 से अभी तक कई बार दुकान संचालकों और एजेंसियों ने खाद्य निगम और मार्कफेड को पत्र लिखकर राशि की मांग कर चुके हैं।
2018-19 की राशि भी अभी तक नहीं मिली है। इस साल का बारदाना मार्कफेड से पूरे जिले के उचित मूल्य की दुकानों से उठाव किया जा रहा है। यदि दुकानदार बारदाना देने में आनाकानी करते हैं तो उन्हें अधिकारियों से एफआइआर दर्ज करने की धमकी मिलती है और उन्हें बारदाने की राशि भी नहीं दी जाती। इसे लेकर 2018 से अभी तक कई बार दुकान संचालकों और एजेंसियों ने खाद्य निगम और मार्कफेड को पत्र लिखकर राशि की मांग कर चुके हैं।
भुगतान के लिए मार्कफेड को कहा गया है। जल्द ही भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अभी शासन को धान खरीदी के लिए बारदाना की अवश्यकता है, इसलिए सख्ती की जा रही है।
– अनुराग सिंह भदौरिया, नियंत्रक, खाद्य विभाग रायपुर
– अनुराग सिंह भदौरिया, नियंत्रक, खाद्य विभाग रायपुर