रायपुर

बैंक से लोन लेने वाले खाताधारक पढ़ें ये खबर, नहीं तो हो सकती है जेल

बैंक से लोन लेने वाले खाताधारक पढ़ें ये खबर, नहीं तो हो सकती है जेल

रायपुरAug 03, 2018 / 06:26 pm

चंदू निर्मलकर

बैंक से लोन लेने वाले खाताधारक पढ़ें ये खबर, नहीं तो हो सकती है जेल

रायपुर. केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों के बाद सरकारी बैंकों ने प्रदेश के बड़े लोन डिफाल्टरों की सूची को शार्ट लिस्ट करना शुरू कर दिया है। इसमें अकेले राजधानी रायपुर से लगभग 250 डिफाल्टरों की लिस्ट वित्त मंत्रालय और आरबीआई को भेजी जाएगी।
सरकारी बैंकों के प्रमुखों को मिले दिशा-निर्देशों के बाद यह कदम उठाया जा रहा है। इस संबंध में राजधानी में भी कवायद शुरू हो चुकी है। संख्या पर गौर करें तो राजधानी रायपुर में ऐसे डिफाल्टरों की संख्या 100 से अधिक है, जिन पर अब बैंकों की नजर टेढ़ी हो चुकी है। इनमें से कई डिफाल्टरों को अब अंतिम नोटिस भेजा जाएगा। पंजाब नेशनल बैंक के मंडल प्रमुख राजीव खेड़ा ने बताया कि वित्त मंत्रालय व बैंक मुख्यालय से मिले दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है। लोन वसूली में तेजी आई है, वहीं हमने कई प्रकरणों में कोर्ट के निर्णय के जरिए सफलता पाई है।

पॉवर सेक्टर में सबसे ज्यादा लोन
एसबीआई,पीएनबी, सेंट्रल बैंक के आला अधिकारियों ने बताया कि सबसे ज्यादा लोन पॉवर सेक्टर से हैं। इसके बाद स्टील, अन्य इंडस्ट्रीज, लीकर (शराब) आदि सेक्टर से हैं। पॉवर कंपनियों से 700 करोड़ से अधिक की लोन वसूली करनी है, जिसके बाद कंपनी मालिकों को कई बार नोटिस भेजा जा चुका है।

भगोड़ा आर्थिक अपराध विधेयक
वित्त मंत्रालय के मुताबिक भगोड़ा आर्थिक अपराध विधेयक में 100 करोड़ रुपए से अधिक के मामलों का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही बैंकों को निर्देशित किया गया है कि लोन की वसूली निर्धारित समय-सीमा बीतने के बाद भी नहीं हुई तो सम्पत्ति बेचकर लोन की भरपाई की जाए।

20 करोड़ नहीं दिया, केस दर्ज
पंजाब नेशनल बैंक से 20 करोड़ रुपए लोन के एवज में बकाया जमा नहीं करने वाले उद्योगपतियों के खिलाफ कोर्ट ने हाल ही में केस दर्ज करने का निर्देश दिया है। पीएनबी अधिकारियों के मुताबिक चौबे कॉलोनी निवासी उद्योगपति यशवर्धन अग्रवाल व निर्मल अग्रवाल ने वर्ष 2015 में पीएनबी से 20 करोड़ रुपए का लोन लिया था। लोन नहीं देने की वजह से बैंक ने इससे पहले जय अंबे मेटल वक्र्स प्रालि. व जी एंड जी इस्पात सिलतरा की सम्पत्ति को बंधक बना लिया था, लेकिन बावजूद इसके लोन की राशि अदा नहीं की गई। इसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस में कोई निर्णय नहीं आने पर बैंक ने कोर्ट की शरण ली, जिसके बाद कोर्ट ने पुलिस को निर्देशित किया है कि दोनों व्यक्तियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाए।

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