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कमल विहार ही नहीं, इंद्रप्रस्थ में भी रायपुर विकास प्राधिकरण हुआ फेल

locationरायपुरPublished: Apr 01, 2019 03:45:44 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

तीन साल में भी इंद्रप्रस्थ का सिर्फ ढांचा, पजेशन के पहले ही शुरू किया किस्त लेना

INDRAPRASTH RAIPUR

कमल विहार ही नहीं, इंद्रप्रस्थ में भी रायपुर विकास प्राधिकरण हुआ फेल


रायपुर. रायपुर विकास प्राधिकरण (आरडीए) ने सिर्फ कमल विहार प्रोजेक्ट में ही नहीं बल्कि रायपुरा स्थित इंद्रप्रस्थ का काम भी काफी पीछे चला गया है। मध्यवर्गीय लोगों के लिए लांच किए गए इंद्रप्रस्थ प्रोजेक्ट में इडब्ल्यूएस, एलआईजी फ्लैट्स के लिए आरडीए को जमकर बुकिंग मिली, लेकिन इस बुकिंग के बदले इंद्रप्रस्थ में समय पर काम पूरा नहीं हो पाया है। इंद्रप्रस्थ में साल में कई बार काम बंद हो चुका है। आरडीए की वित्तीय हालत का असर इस प्रोजेक्ट में भी पड़ा है

लोगो का है बड़ा सवाल

तीन साल पहले लोगों ने आशियाने के लिए इंद्रप्रस्थ में बुकिंग कराई। किए वादों के मुताबिक जुलाई-2019 तक प्रोजेक्ट को पूरा करना होगा, लेकिन अभी यहां फ्लैट्स में दरवाजे तक नहीं लग पाए हैं। अभी भी प्रोजेक्ट में 50 फीसदी काम बाकी है। अभी सिर्फ ढांचा खड़ा हो पाया है, जबकि आशियाने के निर्माण के लिए जरूरी काम अभी बाकी है। इंद्रप्रस्थ प्रोजेक्ट में वंदेमातरम, हिंदकॉर्न सहित अग्रवाल इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रुप द्वारा निर्माण कार्य किया जा रहा है। निर्माण एजेंसियों ने लेटलतीफी का जिम्मा आरडीए को ठहराया है, जबकि आरडीए को अभी भरोसा है कि जुलाई तक काम निपटा लिया जाएगा। पत्रिका ने अपनी पड़ताल में पाया कि इंद्रप्रस्थ प्रोजेक्ट में पूरी तरह काम होने में कम से कम 1 वर्ष का समय और लग सकता है। अभी सिर्फ टॉवर खड़े किए गए हैंं।

2016 में हुई थी लॉन्चिंग
इंद्रप्रस्थ रायपुर प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग आरडीए ने वर्ष २०१६ में की थी। इसके अंतर्गत आरडीए ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 2416 फ्लैट बनाने की घोषणा हुई थी। इसकी अनुमानित लागत 158.81 करोड़ रुपए तय किया गया था, जिसकी लागत साल-दर-साल बढ़ती गई। इंद्रप्रस्थ रायपुरा में 1472 ईडब्ल्यूएस, 944 एलआईजी फ्लैट्स के लिए तीन लाख तक वार्षिक आय व एलआईजी फ्लैट्स के लिए तीन लाख से छह लाख रुपए तक वार्षिक आय की पात्रता रखी गई । प्रधानमंत्री आवास योजना का फ्लैट लेने पर सीधे बैंक के माध्यम से 6.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज अनुदान ऋण भी देने की घोषणा की
गई थी।

मकान बना नहीं किस्तें हुई शुरू

इंद्रप्रस्थ में मकान लेने वाले कई ऐसे लोग है, जिसने अब तक आरडीए को पूरी राशि अदा कर दी है, वहीं बैंकों ने इसके एवज में मासिक किस्तें भी शुरू कर दी है। आवंटितियों को अब दोहरा भार सहन करना पड़ रहा है। किराए के मकानों की किस्त देने के साथ ही अधूरे प्रोजेक्ट का किस्त भी बैंकों से शुरू हो चुका है।


काम में तेजी नहीं आई तो बैंकों ने रोका लोन
इंद्रप्रस्थ प्रोजेक्ट के कार्यों में लेटलतीफी होने की वजह से अब बैंकों ने कई हितग्राहियों को लोन देने से मना कर दिया है। बैंकों ने दो टूक कह दिया है कि आरडीए पहले कार्यों में तेजी लाएं, तब कहीं जाकर बाकि लोन स्वीकृत किया जाएगा।

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