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दो फीसदी पंजीयन दर कम होने से छत्तीसगढ़ में चमकेगा रियल एस्टेट मार्केट, मध्यमवर्गीय परिवारों के घर का सपना होगा पूरा

locationरायपुरPublished: Jun 05, 2020 12:21:07 am

Submitted by:

Dinesh Kumar

जमीनों की सरकारी गाइडलाइन कीमतों में 30 फीसदी छूट के बाद अब राज्य सरकार ने 75 लाख रुपए तक के मकानों में पंजीयन शुल्क 4 से घटाकर 2 फीसदी कर दिया है। इस संबंध में आदेश जारी होने के बाद अब प्रापर्टी की खरीदी-बिक्री में तेजी आने की संभावना जताई जा रही है।

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दो फीसदी पंजीयन दर कम होने से छत्तीसगढ़ में चमकेगा रियल एस्टेट मार्केट, मध्यमवर्गीय परिवारों के घर का सपना होगा पूरा

75 लाख रुपए तक के मकान खरीदने वालों को होगा फायदा

रायपुर. जमीनों की सरकारी गाइडलाइन कीमतों में 30 फीसदी छूट के बाद अब राज्य सरकार ने 75 लाख रुपए तक के मकानों में पंजीयन शुल्क 4 से घटाकर 2 फीसदी कर दिया है। इस संबंध में आदेश जारी होने के बाद अब प्रापर्टी की खरीदी-बिक्री में तेजी आने की संभावना जताई जा रही है। इसकी बड़ी वजह यह है कि बाजार मूल्य गाइलाइन दरों में 30 फीसदी की कटौती के बाद पंजीयन शुल्क में 4 फीसदी लिया जा रहा था, जिसकी वजह से पंजीयन शुल्क में उपभोक्ताओं को महंगाई का सामना करना पड़ रहा था। ऐसी स्थिति में अब 2 फीसदी कमी के बाद पंजीयन शुल्क में ग्राहकों की बचत होगी, वहीं रजिस्ट्री दफ्तरों में भी पंजीयन में वृद्धि देखी जा सकेगी। राज्य सरकार ने 3 जून को यह अधिसूचना जारी की, जिसमें आवासीय मकानों में छूट उल्लेखित किया गया है। इससे पहले मंत्री परिषद् की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। क्रेडाई छत्तीसगढ़ ने भी बीते वर्ष की छूट इस वर्ष जारी रखने की मांग की थी। क्रेडाई के लीगल एडवाइजर विजय नत्थानी ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर के लिए यह बेहतर निर्णय है। आने वाले दिनों इसका असर रियल एस्टेट मार्केट पर नजर आएगा।
बीते वर्ष का फार्मूला इस साल भी लागू
बीते वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार ने जमीनों की सरकारी गाइडलाइन की कीमतों में विसंगित को दूर करने के लिए प्रापर्टी की कीमतों में फेरबदल किया था, वहीं यह फार्मूला इस साल भी लागू किया गया है, लेकिन बाजार मूल्य गाइडलाइन दरों में 30 प्रतिशत की कमी के बाद पंजीयन शुल्क 0.8 प्रतिशत से बढ़ाकर गाइडलाइन मूल्य का 4 प्रतिशत कर दिया था। ऐसे में 30 फीसदी छूट का कोई मतलब नहीं निकल रहा था। ऐसे हालात में अब पंजीयन शुल्क कम करने का निर्णय लिया गया है।
अन्य राज्यों में भी प्रयोग
कोरोना महामारी के इस दौर में बिल्डरों और ग्राहकों को राहत देने के लिए सरकार ने यह निर्णय लिया है। इससे पहले तामिलनाडु और मध्यप्रदेश ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में गाइडलाइन दरों में 33 प्रतिशत की कटौती कर 3 प्रतिशत का ड्यूटी बढ़ा दिया था मध्यप्रदेश सरकार ने भी जून में गाइडलाइन दरों में 20 प्रतिशत की कटौती की। वहीं पंजीयन शुल्क 2.3 प्रतिशत बढ़ा दिया था। छत्तीसगढ़ में गाइडलाइन दरों में 30 फीसदी की कमी के बाद 0.8 फीसदी से 4 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद अब वापस 2 फीसदी की कमी की गई है।
सरकारी गाइडलाइन और बाजार भाव में विसंगति हो रही दूर
यदि किसी प्रापर्टी (जमीन) का बाजार भाव 700 रुपए प्रति वर्गफीट है, वहीं सरकारी गाइडलाइन दर लगभग 1000 रुपए है। इस स्थिति में 30 फीसदी की राहत के बाद सरकारी गाइडलाइन दर 700 रुपए होगी। शहर में ऐसे कई इलाके हैं, जहां पर जमीन की सरकारी गाइडलाइन दरों और बाजार भाव में बड़ा अंतर होने की वजह से बिल्डरों को आयकर की गणना में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। दो साल से लगातार छूट जारी रहने के बाद सरकारी और बाजार भाव में धीरे-धीरे सांमजस्य होने की उम्मीद है।
10 लाख के मकान में पंजीयन शुल्क अब 16 हजार रुपए
उदाहरण के तौर पर 10 लाख रुपए के मकानों में रजिस्ट्री कराने पर पंजीयन शुल्क 0.8 फीसदी के हिसाब से पहले 8000 रुपए लगता था। पंजीयन शुल्क 4 फीसदी तक बढ़ाने के बाद यह राशि लगभग 40 हजार रुपए हो गई थी। भले सरकार ने जमीन की सरकारी गाइडलाइन दरों में 30 फीसदी की कटौती की, लेकिन पंजीयन शुल्क बढऩे से कोई खास फायदा नहीं हुआ। 10 लाख रुपए के मकान पर उल्टा 32 हजार रुपए का बोझ बढ़ गया। पंजीयन शुल्क अब 4 से घटाकर 2 फीसदी करने पर यह राशि 16 हजार रुपए होगी। बाकि स्टॉम्प शुल्क का वहन ग्राहकों को नियमों के मुताबिक अलग से करना होगा।
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