सत्कर्म से सुंदर और श्रेष्ठ फल की प्राप्ति : संत राधारासेश्वर
रायपुर. संत राधारासेश्वर शरण देवाचार्य ने मंगलवार को भगवान कपिल अवतार, सती प्रसंग, ध्रुव चरित्र और जड़ भरत की कथा का श्रवण कराते हुए कहा कि सत्कर्म, सुंदर और श्रेष्ठ फल देते हैं। संसार जब भी जिसे मिला अधूरा मिला और भगवान जब भी जिसे मिले पूरा मिले। इसलिए भगवान का नाम पूर्ण काम है, जो सच्चे मन से स्मरण करता है सकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। संत देवाचार्य ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के शांति प्रस्ताव को ठुकरा देने का परिणाम ही महाभारत के रूप में हुआ। दुर्योधन में भाव, सद्भाव नहीं होने की स्थिति को देखते हुए छप्पन भोग ठुकराए दिए श्रीकृष्ण। महात्मा विदूर का आतिथ्य स्वीकार कर उनके घर साग पत्ती को सहर्ष ग्रहण किया था। इस कथा प्रसंग मानव के लिए प्रेरणादायी है। जगन्नाथ मंदिर में स्वामी जगन्नाथ मंदिरए टूरी हटरी में विधायक दाऊ संतोष अग्रवाल की स्मृति में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है, कथा सुनने आसपास के श्रद्धालु पहुंच रहे। महाराज ने कहा कि जहां अपनापन का भाव न हो वहां नहीं जाना चाहिए।
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