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एनएमसी के नोटिस के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने तीनों कॉलेजों के डीन को फैकल्टी की कमी दूर करने को कहा है। ताकि एमबीबीएस की 375 सीटों की मान्यता बचाई जा सके। रायगढ़ पुराना कॉलेज है, जबकि महासमुंद व कांकेर नए कॉलेज हैं। इन कॉलेजों में फैकल्टी की भारी कमी है। यही नहीं बिलासपुर, कोरबा, दुर्ग, जगदलपुर, राजनांदगांव व अंबिकापुर में स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है।
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बायोमेट्रिक अटेंडेंस से पहुंच रही ऑनलाइन जानकारी एनएमसी ने सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों का बायोमेट्रिक सिस्टम से ऑनलाइन अटेंडेंस अनिवार्य कर दिया है। इससे डॉक्टरों का अटेंडेंस ऑनलाइन पता चल रहा है। डॉक्टरों ने बताया कि कई बार सीनियर डॉक्टरों का थंब इंप्रेशन मशीन नहीं ले पाता। ऐसे में उनका अटेंडेंस बायोमेट्रिक सिस्टम में नहीं लग रहा है। ऐसे डॉक्टर मैनुअल अटेंडेंस लगा रहे हैं। हालांकि ऐसे डॉक्टरों की संख्या कम है। उनका अब्सेंट मानकर एनएमसी फैकल्टी की कमी बता रहा है। हालांकि प्रदेश समेत देश के विभिन्न कॉलेजों में फैकल्टी की भारी कमी है।