मौसम विभाग ने प्रदेश के अधिकांश जिलों में भारी बरसात और आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। सुबह गरियाबंद के चिखली मार्जकट्टा नाला में पानी बढ़ने से 2 ग्रामीण फंस गए थे जिनका रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया।
कई जिलों में रेड अलर्ट
मौसम विभाग ने मुंगेली, कबीरधाम, बेमेतरा, राजनांदगांव, बालोद, दुर्ग और कांकेर जिलों और उनसे लगे जिलों में एक-दो स्थानों पर भारी से अति भारी बरसात (Heavy Rain Alert) की चेतावनी दी है। इन इलाकों में आकाशीय बिजली गिरने की संभावना भी जताई गई है। वहीं रायगढ़, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, कोरबा, बलौदा बाजार, रायपुर, गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद, नारायणपुर और कोण्डागांव जिलों में भारी वर्षा की कम स्तर की चेतावनी आई है।
वहीँ कोरिया, सूरजपुर, सरगुजा, जशपुर, बलरामपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिलों में एक-दो स्थानों पर भी भारी बरसात की संभावना जताई जा रही है। मौसम विभाग की यह चेतावनी अगले 24 घंटों के लिए है। इनमें से अधिकतर इलाकों में बाढ़ के हालात पहले से बने हुए हैं।
राजधानी का अंतरराज्यीय बस स्टैंण्ड बना स्वीमिंग पूल
उद्घाटन के महज 20 दिन बाद ही रावणभांठा स्थित नए अंतराज्यीय बस स्टैंड की पोल तेज बारिश में खुल गई। जबकि करोड़ो रुपए इसके निर्माण और मरम्मत पर खर्च किए जा चुके है। इसके बाद भी अब तक यह शुरू करने लायक नहीं बन पाया है। पानी की निकासी नहीं होने के कारण यह स्वीमिंग पूल में तब्दील हो गया था। अब भी वहां बारिश का पानी भरा हुआ है। वहीं अव्यवस्था के बीच बस स्टैंण्ड को शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। लेकिन, इसे कब शुरू किया जाएगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है। बता दें कि तीन बार बस स्टैंण्ड को शुरू करने का प्रयास किया गया। लेकिन अब तक इसकी शिफ्टिंग नहीं हो पाई है। वहीं बस मालिक अपना सामान समेटकर बैठे हुए हैं।
CM बोले, जहां बचाव की जरूरत वहां टीम काम कर रही हैं
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति पर कहा- छत्तीसगढ़ में अच्छी बारिश हो रही है, इससे किसानों की चिंता दूर हो गई है। कुछ जगह बाढ़ की स्थिति है। बचाव के लिए टीमें भेज दी गई हैं। अधिकारी वहां की निगरानी कर रहे हैं। जब अचानक बहुत तेज बारिश हो तो कोई सिस्टम काम नहीं करेगा। ऐसे में जलभराव होता है, लेकिन स्थिति सामान्य भी बन जाती है। ऐसे वक्त पर लोगों को यात्रा नहीं करनी चाहिए। जो सड़क सुरक्षित है, उसीका इस्तेमाल करना चाहिए। नगर-निगमों के अधिकारी-कर्मचारी व जनप्रतिनिधि जलभराव की स्थिति को देखे और निकासी की तत्काल व्यवस्था करें।