राजभवन के अनुसार यह प्रावधान यूजी, पीजी एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष, अंतिम सेमेस्टर और विश्वविद्यालय द्वारा संचालित सभी अमहाविद्यालयीन परीक्षाओं पर लागू नहीं होंगे। इनके लिए परीक्षा आयोजन का निर्णय कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के आधार पर लिया जाएगा। इन संशोधनों के अनुसार 14 मार्च 2020 से पहले आयोजित सभी परीक्षाओं का मूल्यांकन अध्यादेशों में निर्धारित मापदंड व प्रक्रिया के तहत किया जाएगा। अंतिम वर्ष व सेमेस्टर पाठ्यक्रम को छोड़कर वर्ष 2019-20 के स्नातक, स्नातकोत्तर एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के अन्य सभी मध्यवर्ती सेमेस्टर और वर्ष के अंत की परीक्षाओं का मूल्यांकन, विश्वविद्यालय-महाविद्यालय द्वारा किए गए आंतरिक मूल्यांकन में छात्र द्वारा प्राप्त 50 प्रतिशत ग्रेडिंग अंक और शेष 50 प्रतिशत अंक पिछले सेमेस्टर या वर्ष में प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा। जहां पिछले सत्र में विषय उपलब्ध नहीं है, तो वर्तमान सत्र के आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर 100 प्रतिशत मूल्यांकन किया जाएगा। वहीं पीएचडी चिरायु-स्वर परीक्षाएं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग माध्यम से आयोजित की जाएगी।