विभागीय सूत्रों का कहना है कि सरकार ने कलेक्टरेट गाइडलाइन दर बढ़ानें की प्रक्रिया तकरीबन पूरी कर ली थी। इसके लिए वार्ड स्तर की सर्वे करके राजस्व विभाग को फरवरी माह में ही रिपोर्ट पहुंचा दी गई है। अब लॉक डाउन से हुए नुकसान और रियल स्टेट में बूम लाने के लिए विभाग गाइडलाइन दर पर दोबारा मंथन किया जा रहा है। पूर्व के प्रस्ताव में 20 से 30 फीसदी गाइडलाइन दर बढ़ानें की तैयारी थी।
शहर में सदरबाजार, मालवीय रोड, फाफाडीह, ख हारडीह, सेजबहार, डूंडा, मुजगहन, बोरियाकला, माना, टेमरी, मोवा, कचना, संतोषी नगर, पचपेड़ीनाका, रिंग रोड, मठपुरैना, भाठागांव, कु हारपारा, शीतलापारा, ट्रांसपोर्टनगर, सरोना, बीरगांव, चंदनीडीह, जयस्तंभ चौक, कोतवाली चौक, देवेंद्रनगर, डीडी नगर, शंकरनगर, मौदहापारा, बैजनाथपारा, अवंति विहार, रामसागरपारा, एमजी रोड, तरुण नगर आदि जगहों पर सरकारी रेट और बाजार भाव में अंतर है।
लगातार चौथे साल भी जमीन की सरकारी कीमत नहीं बढ़ती है, तो राजधानी में बने लैट और मकानों की कीमत भी नहीं बढ़ेगी। इसका फायदा उन लोगों को जो होगा जो मकान, लैट या जमीन खरीदने की तैयारी कर रहे हैं। उन्हें पुरानी कीमत में भी प्रॉपर्टी मिलेगी। कलेक्टरेट गाइड लाइन में इजाफा नहीं होने पर प्रोजेक्ट महंगे नहीं होंगे।