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परिजनों ने हरीश के शव को लिया, ₹50 हजार व छोटे भाई को नौकरी देने पर बनी सहमति

locationरायपुरPublished: Dec 02, 2022 10:30:03 am

Submitted by:

Sakshi Dewangan

पीड़ित परिवार आरक्षक रूपलाल चंद्रा पर हरीश को आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा 306 दर्ज करने की मांग कर रहे थे। पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने परिजनों को काफी समझाया लेकिन बुधवार रात तक परिजन जब तक आरक्षक पर कार्रवाई नहीं होती, शव न लेने की बात पर अड़े हुए थे।

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बिलासपुर. बिल्हा भैसबोर निवासी हरीश गेंदले की आत्महत्या मामले में आरक्षक रूपलाल चंद्रा पर कार्रवाई की मांग को लेकर अड़े परिजन ने समझौते के बाद अंतत: शव ले लिया। परिजनों ने 50 हजार नगद व मृतक के छोटे भाई के लिए कलेक्टर दर पर संविदा नौकरी की मांग की थी। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वसन पर परिजनों ने शव की सुपुर्दगी ले ली। गुरुवार को ही परिजनों ने हरीश का अंतिम संस्कार भी कर दिया। पुलिस अपने स्तर पर मामले की जांच को आगे बढ़ाने की बात कह रही है।

बिल्हा भैसबोर निवासी हरीश गेंदले के परिजनों को पुलिस लगातार समझाइश दे रही थी। पुलिस की समझाइश के बीच परिजनों ने कुछ मांग रखी थी। मांग से शासन व प्रशासन को अवगत कराया गया है। पुलिस की समझाइश के बाद परिजन शव लेकर चले गए और अंतिम संस्कार किया है।
राहुल देव शर्मा, एडिशनल एसपी ग्रामीण

बिल्हा थाने में पदस्थ आरक्षक रूपलाल चंद्रा द्वारा प्रताड़ित करने व पिता भागीरथी की पिटाई से दुखी होकर बेटे हरीश ने ट्रेन के सामने कूद कर आत्महत्या कर ली थी। मृतक को इंसाफ दिलाने व दोषी आरक्षक पर कार्रवाई की मांग को लेकर परिजन व ग्रामीण दो दिनों तक बिल्हा थाने के सामने ही प्रदर्शन कर रहे थे। डीआईजी पारूल माथुर ने आरक्षक रूपलाल चंद्रा को निलंबित कर दिया, इस पर भी परिजनों व ग्रामीणों का गुस्सा शांत नहीं हुआ।

पीड़ित परिवार आरक्षक रूपलाल चंद्रा पर हरीश को आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा 306 दर्ज करने की मांग कर रहे थे। पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने परिजनों को काफी समझाया लेकिन बुधवार रात तक परिजन जब तक आरक्षक पर कार्रवाई नहीं होती, शव न लेने की बात पर अड़े हुए थे। सामाजिक बैठक व पुलिस के लगातार प्रयास के बाद गुरुवार सुबह परिजन समाज के लोगो के साथ जिला चिकित्सालय पहुंचे। वहां से शव को भैसबोर लाकर अंतिम संस्कार किया। अंतिम संस्कार होने के बाद पुलिस व प्रशासन ने राहत की सांस ली। पुलिस और प्रशासन अपने अपने स्तर पर घटना की जांच कर दोषी को सजा दिलाने का हवाला दे रहा है।

मामले में पुलिस की जांच के अलावा प्रशासन स्तर पर मजिस्ट्रियल जांच का भी आदेश किया गया है। बिल्हा एसडीएम प्रकाश सिंह राज मामले में जांच कर रहे है। मामले में परिजनों द्वारा लगाए गए आरोप अनुसार हरीश ने आरक्षक की प्रताड़ना से आत्म हत्या की है या कारण कुछ और, इसकी निष्पक्ष जांच की बात पुलिस कह रही है। डीआईजी पारूल माथुर के निर्देश पर एसडीओपी सीडी लहरे, पौरूष पुर्रे मामले की जांच करेंगे।

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