राज्यपाल अनुसुईया उइके की पहल पर अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित हुई। नगर पंचायत से अलग हुए 4 गाँव फिर ग्राम पंचायत बनेंगे। ग्राम पंचायत घोषित किए जाने से पहले इन गांवों को ग्रामीण क्षेत्रों में मिलने वाली राशि एवं अन्य लाभ प्राप्त नहीं हो रहे थे। फैसले से अनुसूचित क्षेत्र के हजारों वनवासियों को फायदा होगा।
रायपुर
Published: May 21, 2022 06:37:19 pm
रायपुर. राज्यपाल अनुसुईया उइके की पहल के बाद राज्य सरकार ने नगर पंचायत में शामिल 4 गांवों और 12 टोला-पारा को फिर से ग्राम पंचायत बनाने का फैसला लिया है। इसमें दो नगर पंचायत और एक नगर पालिका से लगे गांव शामिल हैं। राज्यपाल के निर्देश का परीक्षण कर राज्य शासन ने इसकी अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित कर दी है। इस फैसले से अनुसूचित क्षेत्र के हजारों वनवासियों को फायदा मिलेगा।
ग्रामवासियों ने कई बार ज्ञापन देकर किया था अनुरोध
राज्यपाल को अनुसूचित क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामवासियों ने अनेक बार ज्ञापन देकर अनुरोध किया था कि पांचवी अनुसूची के क्षेत्र के तहत आने वाले ग्राम पंचायत जो पूर्व में नगर पंचायत में शामिल कर ली गई थी, उन्हें पुन: ग्राम पंचायत बनाया जाए। इस पर राज्यपाल ने वनवासियों के अधिकार के लिए मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव को समय-समय पर पत्र लिखकर निर्देश दिए। राज्यपाल ने राष्ट्रपति को भी पत्र लिखकर इस संबंध में अवगत कराया था। बता दें पांचवी अनुसूची के क्षेत्रों में राज्यपाल को विशेषाधिकार होता है।
इन इलाकों में ग्रामीणों को पहुंचेगा लाभ
नगर पंचायत डौण्डी में सम्मिलित ग्राम उकारी को अलग किया गया है। नगर पंचायत चिखलाकसा में शामिल ग्राम कारूटोला, झरनदल्ली (भोयरटोला) और कुंजामटोला, नगर पालिका परिषद बड़े बचेली की सीमा से महात्मा गांधी वार्ड से बड़ेपारा, शहीद वीर नारायण वार्ड से पांडूपारा, लाल बहादुर शास्त्री वार्ड से तामोपारा, सुभाष चंद्र वार्ड से चालकी पारा, मांझीपारा, कोवापारा, पटेलपारा, पुजारीपारा, महरापारा, कायापारा और कुम्हारपारा को अलग किया गया है।
शेष नगर पंचायतों को ग्राम पंचायतों में तबदील करने भेजे जा रहे पुन: स्मरण पत्र
राजभवन सचिवालय से नगर पंचायत प्रेमनगर, बस्तर एवं नरहरपुर नगर पंचायत को पुन: ग्राम पंचायत बनाने के लिए शासन स्तर पर पुन: स्मरण पत्र भेजा है। जिस पर शासन स्तर पर कार्यवाही लंबित है। राज्यपाल द्वारा शेष नगर पंचायतों के ग्राम पंचायतों में विघटन के लिए पुन: स्मरण पत्र लिखा गया है।
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