होली को बचे 20 दिन और खाद्य विभाग ने नहीं शुरू हुई सेंपलिंग
- अब एसडीएम की अनुमति से होनी है सेंपलिंग
- एसडीएम के अभिहित अधिकारी बनने के बाद पहली बार जारी करेंगे आदेश

रायपुर. होली में अब सिर्फ 20 दिन शेष रह गए हैं। त्योहार को लेकर जिले के होटलों में मिठाई बनाने का काम शुरू हो चुका है, लेकिन खाद्य एवं औषधि प्रसाधन विभाग का दूर-दूर तक पता नहीं है। विभाग के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने सैंपलिंग शुरू नहीं की है। जबकि विभाग सहायक आयुक्त नें राजेश शुक्ला नें प्रदेश भर के सहाकय खाद्य अधिकारियों को सैंपलिंग के लिए आदेश जारी कर दिया है।
इसके बाद भी आटा, मैदा, बेसन से बने खाद्य पदार्थ, मिठाईयां और मिठाईयां बनाने की कच्ची सामग्रियों की सैंपलिंग तक शुरू नहीं हुई। जबकि जिले में बड़ी मात्रा में मावा की आवक शुरू हो गई है। बतादें कि बीते माह से एसडीएम को जिले का अभिहित अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है। उनके हस्ताक्षर से जारी पेपर स्लीप से ही सैंपलिंग शुरू होनी है।
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बाजार भी धीरे-धीरे सजने लगा
जिले में रंगों का त्योहार होली की तैयारियां शुरू हो गई है। शहर के कई दुकानों में रंग-गुलाल व अन्य सामान बिकने लगे हैं। त्योहारी सीजन को लेकर मिठाई व्यापारियों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। मिठाई तैयार करने के लिए बड़ी मात्रा में मावा और अन्य जरूरी सामग्रियों की आपूर्ति प्रदेश सहित दीगर राज्यों के व्यापारियों द्वारा की जा रही है, लेकिन उस सामग्री की गुणवत्ता परखने खाद्य एवं औषधि प्रसाधन विभाग अब तक हाथ पर हाथ रखे बैठा है।
आवक शुरू
जानकारी के मुताबिक शहर के बड़े कारोबारियों ने होली की तैयारी शुरू कर ली है। कृष्णा नगर और देवपुरी के कुछ व्यापारियों ने भारी मात्रा में मावा भी मंगवा कर सप्लाई शुरु कर दी है। मावा की आवक दूसरे जिलों सहित पड़ोसी राज्यों से हो रही है। बताया जाता है कि पूरा माल मालवाहक ट्रांसपोर्ट से आ रहा है। ऐसे में बस स्टैंड और आउटर के इलाकों में नजर रखकर नकली मावा की आपूर्ति करने वालों पर शिकंजा कसा जा सकता है।
जांच में लगता है समय
जिले के कई शहरों में मिलावटी खाद्य सामग्री का बड़ा बाजार है। बीते साल दीवाली के समय एफएसओ की टीम ने कई मिष्ठान भंडारों में छापा मारा था, लेकिन काफी दिनों बाद सैंपल रिपोर्ट आई। अधिकारी सैंपलिंग करके राज्य प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजते है। प्रयोगशाला में प्रदेशभर से सैंपल आते हैं, इसलिए जांच के लिए कम से कम 15 दिन का समय लगता है। इससे साफ है कि रिपोर्ट आने में 15-20 दिन तो लगता ही है। ऐसे में समय रहते सैंपल लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजने की पहल होनी चाहिए
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त राजेश शुक्ला ने कहा, जांच के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश स्तर पर सैंलिंग जल्द ही शुरू कर दी जाएगी। त्योहार के मद्देनजर विभाग अलर्ट है।
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