इन नियमों का करना होता है पालन - चंडीघाट में 7 रविवार तक स्नान करें
- माताओं के लिए प्राकृतिक दोष में आना वर्जित है
- आस्था और विश्वास के साथ करें स्नान
- स्नान के दिन उपवास जरूरी
- नवरात्र महाअष्टमी को ज्योति दर्शन करें
- उपचार काल में बाहरी दवा न खाएं
- सुबह 8 बजे माता के दरबार में जरूर आएं
- मांस मदिरा का सेवन वर्जित
- संयम ब्रह्मचर्य का पालन करें
- नवरात्रि में अपने नाम से दीप प्रज्ज्वलित करें
- माताओं के लिए प्राकृतिक दोष में आना वर्जित है
- आस्था और विश्वास के साथ करें स्नान
- स्नान के दिन उपवास जरूरी
- नवरात्र महाअष्टमी को ज्योति दर्शन करें
- उपचार काल में बाहरी दवा न खाएं
- सुबह 8 बजे माता के दरबार में जरूर आएं
- मांस मदिरा का सेवन वर्जित
- संयम ब्रह्मचर्य का पालन करें
- नवरात्रि में अपने नाम से दीप प्रज्ज्वलित करें

विवाहिता नहीं करती प्रवेश धीवर ने बताया, चंडिका माता कुंवारी हैं इसलिए यहां विवाहिता को प्रवेश नहीं दिया जाता। ये कब से प्रतिबंधित है इसकी जानकारी नहीं है। हालांकि वे बाहर से पूजा जरूर कर सकती हैं। मालूम हो कि रीवां में खुदाई 1 फरवरी से शुरू हो चुकी है। हाल ही में संस्कृति विभाग ने शोधार्थियों को भी उत्खनन दिखाने ले जाया गया था।
