आनन-फानन में तेजी से चला काम
पड़ताल में पता चला कि तेलघानीनाका में ही जिस ठेकेदार को नई ब्रिज बनाने का ठेका मिला हुआ है, उसी को बुलाकर तकनीकी स्वीकृति के आधार पर पुराने ब्रिज के रेलिंग व फुटपाथ मरम्मत आनन-फानन में दे दिया गया। मरम्मत कराने पीडब्ल्यूडी ब्रिज विभाग का करीब एक करोड़ रुपए खर्च करने का प्लान है। फिर भी टेंडर प्रक्रिया से दूसरे ठेकेदारों को दूर रखा गया और चहेते ठेकेदार से तेजी से जर्जर ढांचे को प्लास्टर और कहीं-कहीं ईंट लगाकर पूरा कराने का काम चल रहा है। टेंडर प्रक्रिया इसीलिए विभाग में लागू है, ताकि शासन के खजाने को नुकसान न हो। विभाग के रेट ऑफ शेड्यूल से जिस ठेकेदार का टेंडर कम होता है, उसी को टेंडर मिलता है। लेकिन, एेसी कोई प्रक्रिया लोक निर्माण ब्रिज विभाग ने अपनाया ही नहीं।फुटपाथ पर कोई पैदल नहीं चलता
पीडब्लयूडी के प्लान के अनुसार, जब नई ओवरब्रिज बनकर तैयार हो जाएगी, तो तेलघानीनाका की पुरानी ब्रिज को तोड़कर फिर उसी जगह पर नई ब्रिज का निर्माण होगा। पुरानी ब्रिज 30-35 साल पहले बनी थी, उसकी रेलिंग वॉल जालीनुमा है और दोनों तरफ पैदल चलने के लिए पेबर ब्रिक्स से फुटपाथ बना हुआ था। ये दोनों निर्माण काफी खराब हो चुके हैं। अब फुटपाथ पर कोई पैदल चलता भी नहीं। जगह ही घेरे हुए हंै। इस ब्रिज पर वाहन, साइकिल और रिक्शा, ठेला में सामग्री लोड़कर हमेशा लाना ले जाना लगा रहता है। रामनगर-कोटा तरफ बसाहट बढऩे और गुढि़यारी बाजार होने से ट्रैफिक हमेशा रहता है।
एसवी पड़ेगांवकर, कार्यपालन अभियंता ब्रिज, पीडब्ल्यूडी