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बिना टेंडर आनन-फानन में 40 लाख में शुरू कराया ब्रिज के मरम्मत का कार्य

locationरायपुरPublished: Jul 04, 2020 07:20:29 pm

Submitted by:

Devendra sahu

फिर भेजा 68 लाख का एस्टीमेट, निविदा प्रक्रिया को ही पीडब्ल्यूडी विभाग ने किया दरकिनार

बिना टेंडर आनन-फानन में 40 लाख में शुरू कराया ब्रिज के मरम्मत का कार्य

बिना टेंडर आनन-फानन में 40 लाख में शुरू कराया ब्रिज के मरम्मत का कार्य

रायपुर. पुराने तेलघानीनाका ओवरब्रिज की जर्जर हो चुकी जालीनुमा सीमेंटेड रेलिंग वॉल और फुटपाथ के मरम्मत कार्य में बड़ा घपला सामने आया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिना टेंडर प्रक्रिया अपनाए पहले 40 लाख रुपए की तकनीकी स्वीकृति देकर एक चहेते ठेकेदार से मेंटेनेंस काम शुरू करा दिया। इसके कुछ दिन बाद कुछ दिन जांच से बचने के लिए 68 लाख रुपए का एस्टीमेट बनाकर स्वीकृति की फाइल पीडब्ल्यूडी ने शासन के पास भेजी गई, जिसे अब तक मंजूरी नहीं मिली है। ब्रिज की पुरानी रेलिंग में अब भी कहीं-कहीं प्लास्टर करके, तो कहीं-कहीं ईंट लगाकर ढंकने का काम तेजी से चल रहा है।
तेलघानीनाका ओवरब्रिज ब्रिज के ठीक बाजू से 48 करोड़ की लागत से 8 मीटर चौड़ाई की नई ओवरब्रिज का निर्माण एक साल से चल रहा है, जिसका एक हिस्सा बन चुका है और पिछले छह महीना से उसका निर्माण ठप है। क्योंकि इसी ब्रिज के नीचे से रेल गाडि़यों का आना-जाना होता है, इसलिए ओवरब्रिज के साथ ही वहीं अंडरब्रिज का भी निर्माण कराया जा रहा है। जिसका टेंडर 30 करोड़ 29 लाख में फाइनल हुआ था। निर्माण रेलवे ट्रैक को छोड़कर रामनगर साइड चल भी रहा है। अफसरों का कहना है कि निर्माण के दायरे में पांच-छह लोगों की करीब 2200 वर्गमीटर निजी जमीन का पेंच होने के कारण अधिग्रहित करने की प्रक्रिया चल रही है।

आनन-फानन में तेजी से चला काम

पड़ताल में पता चला कि तेलघानीनाका में ही जिस ठेकेदार को नई ब्रिज बनाने का ठेका मिला हुआ है, उसी को बुलाकर तकनीकी स्वीकृति के आधार पर पुराने ब्रिज के रेलिंग व फुटपाथ मरम्मत आनन-फानन में दे दिया गया। मरम्मत कराने पीडब्ल्यूडी ब्रिज विभाग का करीब एक करोड़ रुपए खर्च करने का प्लान है। फिर भी टेंडर प्रक्रिया से दूसरे ठेकेदारों को दूर रखा गया और चहेते ठेकेदार से तेजी से जर्जर ढांचे को प्लास्टर और कहीं-कहीं ईंट लगाकर पूरा कराने का काम चल रहा है। टेंडर प्रक्रिया इसीलिए विभाग में लागू है, ताकि शासन के खजाने को नुकसान न हो। विभाग के रेट ऑफ शेड्यूल से जिस ठेकेदार का टेंडर कम होता है, उसी को टेंडर मिलता है। लेकिन, एेसी कोई प्रक्रिया लोक निर्माण ब्रिज विभाग ने अपनाया ही नहीं।

फुटपाथ पर कोई पैदल नहीं चलता
पीडब्लयूडी के प्लान के अनुसार, जब नई ओवरब्रिज बनकर तैयार हो जाएगी, तो तेलघानीनाका की पुरानी ब्रिज को तोड़कर फिर उसी जगह पर नई ब्रिज का निर्माण होगा। पुरानी ब्रिज 30-35 साल पहले बनी थी, उसकी रेलिंग वॉल जालीनुमा है और दोनों तरफ पैदल चलने के लिए पेबर ब्रिक्स से फुटपाथ बना हुआ था। ये दोनों निर्माण काफी खराब हो चुके हैं। अब फुटपाथ पर कोई पैदल चलता भी नहीं। जगह ही घेरे हुए हंै। इस ब्रिज पर वाहन, साइकिल और रिक्शा, ठेला में सामग्री लोड़कर हमेशा लाना ले जाना लगा रहता है। रामनगर-कोटा तरफ बसाहट बढऩे और गुढि़यारी बाजार होने से ट्रैफिक हमेशा रहता है।

जो ठेकेदार नई ब्रिज बना रहा है, उसी से सप्लीमेंटी प्रक्रिया के तहत पुराने ब्रिज की जर्जर रेलिंग और फुटपाथ का मरम्मत कराया जा रहा है। नई ब्रिज बनने में समय लगेगा, इसलिए रेलवे ट्रैक के दायरे की ब्रिज का मेंटेनेंस रेलवे की भागीदारी से कराया जाना है। रेल अफसरों के साथ बैठक हो चुकी है। एस्टीमेंट फाइनल होने पर टेंडर प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
एसवी पड़ेगांवकर, कार्यपालन अभियंता ब्रिज, पीडब्ल्यूडी
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