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गणतंत्र दिवस : इस बार राजपथ पर छत्तीसगढ़ की झांकी करेगी नेतृत्व

locationरायपुरPublished: Jan 18, 2020 07:08:01 pm

Submitted by:

lalit sahu

झांकी के साथ सांस्कृतिक दल करेंगे ककसार नृत्य का प्रदर्शन
‘अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार‘ से उकेरित वस्त्रों का कलेक्शन शुरू

गणतंत्र दिवस : इस बार राजपथ पर छत्तीसगढ़ की झांकी करेगी नेतृत्व

राजपथ पर झांकी के साथ छत्तीसगढ़ के नृतक दल ककसार नृत्य का प्रदर्शन करेंगे।

रायपुर. गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर विभिन्न राज्यों व विभागों की ओर से निकलने वाली झांकियों में इस बार छत्तीसगढ़ की झांकी नेतृत्व करेगी। शनिवार को राष्ट्रीय रंगशाला कैम्प में जनसंपर्क विभाग के आयुक्त तारन प्रकाश सिन्हा ने झांकी निर्माण का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने सांस्कृतिक दलों से भी मुलाकात की और उनका उत्साह वर्धन किया छत्तीसगढ़ के दूरस्थ आदिवासी अंचल नारायणपुर से आए आदिवासी कलाकारों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जा रही हे।
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गौरतलब है कि नई दिल्ली के राजपथ पर इस बार छत्तीसगढ़ की झांकी भी निकलेगी, राजपथ पर निकलने वाली विभिन्न राज्यों की झांकियों के क्रम में छत्तीसगढ़ राज्य की झांकी का क्रम सबसे पहले होगा। छत्तीसगढ़ की झांकी जिसमें प्रदेश की कला और आभूषण का प्रदर्शन किया जाएगा। झांकी का निर्माण राष्ट्रीय रंगशाला कैम्प नई दिल्ली में किया जा रहा, जिसके निरीक्षण के लिए छत्तीसगढ़ से जनसंपर्क विभाग के आयुक्त तारन प्रकाश सिन्हा भी पहुंचे। झांकी के अवलोकन के साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ से झांकी में शामिल होने पहुंचे सांस्कृतिक दल के कलाकारों से मुलाकात कर उनका उत्साह वर्धन किया। राजपथ पर झांकी के साथ छत्तीसगढ़ के नृतक दल ककसार नृत्य का प्रदर्शन करेंगे।
राज्य गीत ‘अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार‘ से उकेरित वस्त्रों का कलेक्शन शुरू

छत्तीसगढ़ के राज्य गीत ‘अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार‘ से उकेरित वस्त्रों का कलेक्शन 19 जनवरी से शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की धर्मपत्नी मुक्तेश्वरी बघेल ने विभिन्न प्रकार के वस्त्रों में बुनाई के माध्यम से राज्य गीत पर आधारित वस्त्रों के कलेक्शन का शुभारंभ कर दिया है।
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छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ द्वारा राज्य के बुनकरों से विभिन्न प्रकार की बुनाई के माध्यम से कोसा, सूती वस्त्रों का उत्पादन कराया जाता है। इसमें कोसा शिल्क साड़ी, रेडिमेंड जैकेट, ब्लाऊज, कुर्ती आदि की नवीन श्रृंखला जो कि राज्य गीत पर आधारित है, शुरू की गई है। इस कलेक्शन में छत्तीसगढ़ के महान कवि स्वर्गीय डॉ. नरेन्द्र वर्मा द्वारा रचित ‘अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार‘ को विभिन्न प्रकार के वस्त्रों में उकेरा गया है। शुभारंभ कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा संघ के अधिकारीगण उपस्थित थे।
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