रायपुर

सुप्रीमकोर्ट ने बिलासपुर हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर सेवानिवृत्त IAS ढांढ और राउत को दी बड़ी राहत

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी विवेक ढांढ और एमके राउत को बड़ी राहत दी।

रायपुरOct 09, 2021 / 11:44 pm

Ashish Gupta

रायपुर. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी विवेक ढांढ और एमके राउत को बड़ी राहत दी। इनके द्वारा स्पेशल लीव पिटीशन पर सुनवाई करते हुए 3 सदस्यीय बैंच ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) द्वारा एक जनहित याचिका पर किए गए आदेश को र² कर दिया। इस प्रकरण को वापस छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट भेजा दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 1 हजार करोड़ के कथित फर्जी अस्पताल मामले में याचिकाकर्ताओं का पक्ष सुनते हुए फैसला करने को कहा है।
जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट ने राज्य शासन के समाज कल्याण विभाग में आरोपित भ्रष्टाचार के संदर्भ में सीबीआई को एफआईआर दर्ज कर इस मामले की जांच करने के लिए निर्देशित किया था। वरिष्ठ अधिवक्ता परमजीत सिंह पटवालिया और अधिवक्ता अवि सिंह ने अपीलकर्ताओं की ओर से पक्ष रखा। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि हाईकोर्ट ने अधिकारियों के खिलाफ आदेश जारी करने के पूर्व उन्हें नोटिस जारी नहीं किया था। छत्तीसगढ़ शासन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सतीष चंद्र वर्मा और मुकुल रोहतगी ने तर्क पेश किए।
इन तर्को को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह माना कि उच्च न्यायालय के द्वारा आदेश जारी करने की प्रक्रिया त्रुटिपूर्व थी। इसे अमान्य कर दिया गया। इस दौरान सीबीआई को भी किसी भी तरह की विपरीत कार्रवाई करने से रोकने का आदेश दिया। गौरतलब है कि हाईकोर्ट में लगी जनहित याचिका में बताया गया कि नया रायपुर स्थित नि:शक्त जन अस्पताल को एक एनजीओ द्वारा चलाया जा रहा है। इस अस्पताल में करोड़ों की मशीनें भी खरीदी गईं हैं। यहां तक कि इनके रखरखाव में भी करोड़ों का खर्च आना बताया गया है। अब यह पता चला है कि न तो कोई अस्पताल है न कोई एनजीओ, यह सब सिर्फ कागजों में सीमित है। यह मामला साल 2015-2016 के आसपास का है।
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