पीपीई किट को पहनने के बाद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के दिशा निर्देश के तहत ऑपरेटिंग प्रोसीजर के अनुसार बायो मेडिकल वेस्ट के रूप में डिस्पोज कर दिया जाता है। कोविड वार्ड में ड्यूटी से पहले डॉनिंग एंड डॉफिंग की ट्रेनिंग पूरे स्टॉफ को दी जाती है। यूपी के दौरान यदि पीपीई किट कहीं से फट जाता है तो ऐसी स्थिति में हाई रिस्क एक्सपोजर होने की तुंरत सूचना देनी होती है जिसका आकलन करते हुए समुचित इलाज की व्यवस्था डॉक्टरों की टीम द्वारा की जाती है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो एवं तस्वीरों में यह दिखाया जा रहा है कि अस्पताल की तरफ से एन-95 मास्क को कोविड ड्यूटी के दौरान रीयूज (पुर्नउपयोग) किया जा रहा है, जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है। एमएसडब्ल्यू एवं आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार जरूरत पड़ने पर संक्रमण दूर करके गॉगल्स व फेस शील्ड दोबारा उपयोग में लाया जा सकता है फिर भी पर्याप्त स्टॉक एवं आपूर्ति रहने की स्थिति में अस्पताल में इसे रीयूज नहीं किया जाता।