इसी प्रकार मास्टर ट्रेनर द्वारा सूचना के अधिकार के तहत् रिकॉर्ड का संधारण, सूचनाओं का स्व-प्रकटीकरण केन्द्रीय एवं राज्य सूचना आयोगों की शक्तियॉ एवं कार्य, अपील एवं शास्तियॉ, अपीलीय अधिकारियों की भूमिका, दायित्व, शक्तियों एवं कार्य, सहायक जनसूचना अधिकारी/जनसूचना अधिकारियों की भूमिका, दायित्व, शक्तियॉ एवं कार्य में परिचर्चा एवं कार्यशाला का समापन होगा।
राज्य सूचना आयुक्त एम. के राऊत कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। इस अवसर पर संचालक नागरिक नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग सौमिल रंजन चौबे विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। कार्यशाला में प्रो. तपेश चन्द्र गुप्ता मास्टर ट्रेनर छत्तीसगढ़ कॉलेज सूचना के अधिकार अधिनियम की संक्षिप्त जानकारी देंगे।
क्या होता है सूचना का अधिकार सूचना का अधिकार अर्थात राईट टू इन्फाॅरमेशन। सूचना का अधिकार का तात्पर्य है, सूचना पाने का अधिकार, जो सूचना अधिकार कानून लागू करने वाला राष्ट्र अपने नागरिकों को प्रदान करता है। सूचना अधिकार के द्वारा राष्ट्र अपने नागरिकों को अपनी कार्य और शासन प्रणाली को सार्वजनिक करता है।लोकतंत्र में देश की जनता अपनी चुनी हुए व्यक्ति को शासन करने का अवसर प्रदान करती है और यह अपेक्षा करती है कि सरकार पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने दायित्वों का पालन करेगी।
इसी प्रकार देश का प्रत्येक नागरिक टैक्स अदा करता है और यही टैक्स देश के विकास और व्यवस्था की आधारशिला को निरन्तर स्थिर रखता है। इसलिए संविधान ने जनता को यह जानने का पूरा हक दिया है कि उसके द्वारा दिया गया पैसा कब, कहाँ, और किस प्रकार खर्च किया जा रहा है ?
सूचना का अधिकार अर्थात राईट टू इन्फाॅरमेशन। सूचना का अधिकार का तात्पर्य है, सूचना पाने का अधिकार, जो सूचना अधिकार कानून लागू करने वाला राष्ट्र अपने नागरिकों को प्रदान करता है। सूचना अधिकार के द्वारा राष्ट्र अपने नागरिकों को अपनी कार्य और शासन प्रणाली को सार्वजनिक करता है।