असम और पश्चिम बंगाल चुनाव के पहले पूर्व CM रमन सिंह का राहुल गांधी और कांग्रेस पर तीखा हमला सिंहदेव ने रायपुर में पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि कैबिनेट में तय किया गया कि 9वीं,10वीं,11वीं और 12वीं के स्कूल खोले जाएं। मगर, स्कूल आना, न आना छात्रों का अपना निर्णय होगा, अनिवार्यता नहीं है। माता-पिता समझते हैं कि यह रिस्क नहीं है, तो स्कूल भेज सकते हैं। नहीं भेजने पर भी सरकार के ऊपर दबाव था कि पढ़ाई प्रभावित हो रही है। भेजने में भी यह दबाव है कि संक्रमण फैल सकता है। एहतियात के अलावा इस परिस्थिति में कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
सिंहदेव ने कहा कि स्कूलों संचालकों को शिक्षकों की कोरोना जांच करवानी चाहिए। छात्रों में अगर लक्षण दिखते हैं तो स्कूल आने से मना करें, जांच करवाएं। मगर, जो ऐ-सिम्प्टैमेटिक हैं। लक्षण नहीं दिख रहे हैं। ऐसी स्थिति में मास्क और शारीरिक दूर के नियम ही संक्रमण से बता सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने चेताया है कि सतर्कता नहीं बरतेंगे तो इसमें कोई दो बात नहीं कि संक्रमण फैल सकता है।
डीजल की महंगाई से ट्रांसपोर्ट भाड़ा 3 से 5 हजार बढ़ा, लेकिन चिल्हर सामानों पर अभी असर नहीं
भाजपा बोली, बिना तैयारी के खोले गए स्कूल
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि स्कूल खोलना जरूरी है, मैंने इस का स्वागत किया है। मगर, सावधानी की सख्त जरूरत है। छोटे बच्चों के स्कूल खोलने के लिए अभी और वक्त लिया जा सकता है। वहीं, भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने बिना किसी तैयारी के स्कूल खोलने का फैसला लिया। यह छात्रों और शिक्षकों की जान से खिलवाड़ है।