scriptसही मात्रा में दूध नहीं पीने वालों में बढ़ जाता है प्रोस्टेट कैंसर का खतरा, हड्डियों के टूटने का भी रहता है रिस्क | Risk of prostate cancer increases if not drink milk in right portion | Patrika News

सही मात्रा में दूध नहीं पीने वालों में बढ़ जाता है प्रोस्टेट कैंसर का खतरा, हड्डियों के टूटने का भी रहता है रिस्क

locationरायपुरPublished: Sep 24, 2021 01:36:55 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

दूध हमारे लिए फायदेमंद तो है लेकिन अगर हम उसकी मात्रा को नियंत्रित नही करते हैं तो दूध पीने से गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

सही मात्रा में दूध नहीं पीने वालों में बढ़ जाता है प्रोस्टेट कैंसर का खतरा, हड्डियों के टूटने का भी रहता है रिस्क

सही मात्रा में दूध नहीं पीने वालों में बढ़ जाता है प्रोस्टेट कैंसर का खतरा, हड्डियों के टूटने का भी रहता है रिस्क

रायपुर. बचपन से हमें बताया गया कि दूध पीने से हमारी हड्डियां मजबूत होती हैं। रोज हम ऐसे विज्ञापन देखते हैं जिनमे दूध पीने के हजारो फायदे बताये जाते हैं। दूध के गुणों के कारण ही हम इसकी तुलना अमृत से करते हैं। दूध में कैल्शियम , प्रोटीन और विटामिन डी जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं। ज्यादतर लोगों के डाईट में किसी न किसी रूप में दूध शामिल होता है।

लेकिन बीते कुछ सालों में हुए स्टडीज में ये पाया गया कि दूध हमारे लिए फायदेमंद तो है लेकिन अगर हम उसकी मात्रा को नियंत्रित नही करते हैं तो दूध पीने से गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अगर दूध से हड्डियाँ मजबूत होती तो जिन देशों में सबसे अधिक मात्रा में दूध की खपत हैं उनमें गठिया और हिप फ्रैक्चर की दर सबसे अधिक नहीं होती।

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कैंसर होने का खतरा

साल 2007 में अमेरिकन इंस्टिट्यूट फॉर कैंसर रिसर्च की एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई कि दूध और दूध से बने उत्पाद की अधिक मात्रा में उपयोग करने वाले लोगों में प्रोस्टेट कैंसर होने की सम्भावना काफी बढ़ जाती है। डेयरी उत्पाद की खपत के कारण एंडोमेट्रियल कैंसर की भी संभावना बनी रहती है। दूध में पाए जाने वाले लैक्टोज में एक खास तरह की शुगर होती है जिसकी अधिकता होने पर महिलाओं में ओवेरियन कैंसर का भी जोखिम बढ़ जाता है।

हड्डियां होती हैं कमजोर

द अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन के अनुसार, पुराने वयस्कों में ऑस्टियोपोरोसिस के कारण हड्डी के फ्रैक्चर उन देशों में अधिक हैं जहां के लोग सबसे अधिक डेयरी, पशु प्रोटीन और कैल्शियम का उपभोग करते हैं। दूध में डी-गैलेक्टोज नामक शर्करा और लैक्टोज पाया जाता है जिसके कारण ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ जाता है जिसके कारण अंगों में सुजन की सम्भावना बनी रहती है। जिसके कारण हमें गंभीर बीमारियों का खतरा भी बना रहता है।

हृदय रोग और उच्च रक्तचाप

दूध में संतृप्त वसा और सोडियम पाया जाता है। ऐसे में अगर आप अधिक मात्रा में दूध पीते हैं तो उच्च रक्तचाप और हृदय रोग का जोखिम बहुत बढ़ जाता है। नियमित 3 गिलास या इससे अधिक दूध पीने वाले लोगों में पुरुषों में हृदय रोग के कारण मौत का खतरा 10 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।

मोटापा

दूध में पर्याप्त मात्रा में लैक्टोज,सोडियम और फैट पाया जाता है जिसके कारण मोटापे की समस्या हो सकती है इसीलिए लोगों को फुल क्रीम मिल्क के बजाय लो फैट मिल्क या उससे बने उत्पाद के उपयोग करने की सलाह दी जाती है।

कितनी मात्रा होती है सुरक्षित

प्रतिदिन लगभग 250 मिलीलीटर दूध उन लोगों के लिए पर्याप्त है जो रोजाना पनीर या दही का सेवन करते हैं। इससे अधिक दूध या डेरी उत्पाद का उपयोग करने से बचना चाहिए ।

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