रायपुर

सड़क सुरक्षा संकल्प एशिया रिकार्ड ऑफ बुक और इंडिया रिकार्ड ऑफ बुक में शामिल

राजधानी में ट्रैफिक नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने चलाए जा रहे सुनो रायपुर अभियान को दो अवार्ड मिले हैं। अभियान के तहत 1 जनवरी 2022 को शहर में 1 लाख 2 हजार 468 लोगों को सड़क सुरक्षा का संकल्प दिलाया गया। एक दिन में ट्रैफिक सुधार को लेकर पहली बार इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने संकल्प पत्र में हस्ताक्षर किया था।

रायपुरJan 20, 2022 / 10:51 pm

narad yogi

रायपुर.
राजधानी में ट्रैफिक नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने चलाए जा रहे सुनो रायपुर अभियान को दो अवार्ड मिले हैं। अभियान के तहत 1 जनवरी 2022 को शहर में 1 लाख 2 हजार 468 लोगों को सड़क सुरक्षा का संकल्प दिलाया गया। एक दिन में ट्रैफिक सुधार को लेकर पहली बार इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने संकल्प पत्र में हस्ताक्षर किया था। इसे एशिया रिकार्ड ऑफ बुक में दर्ज किया गया है। इसके अलावा इसे इंडिया रिकार्ड ऑफ बुक में भी शामिल किया गया है।
उल्लेखनीय है कि 26 दिसंबर 2021 से शहर भर में सुनो रायपुर अभियान चलाया गया। इस दौरान लोगों को सड़क हादसे की मूल वजह और उसके बचाव के लिए ट्रैफिक नियमों का पालन करने प्रेरित किया गया। इसके अंतिम दिन सड़क सुरक्षा संकल्प पत्र में लोगों से हस्ताक्षर कराया गया।
400 से अधिक मौतें हर साल
भारत में हरसाल सड़क हादसे में 1.5 लाख लोग सड़क हादसे में मारे जाते हैं। रायपुर जिले में ही हर साल 450 लोगों की सड़क हादसे में मौत हो जाती है। मरने वालों में दोपहिया सवारों की संख्या अधिक होती है।
यह है मुख्य वजह
सड़क हादसों में मौत की मुख्य वजह तेज गति से वाहन चलाना, हेलमेट नहीं लगाना, सीटबेल्ट न लगाना, शराब पीकर वाहन चलाना, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन से बात करना आदि प्रमुख कारण हैं। इसके अलावा शहर में भारी वाहनों की रफ्तार पर नियंत्रण नहीं होना भी बड़ी वजह है।
रिंग रोड में रोज हो रही मौतें
पुलिस के ट्रैफिक जागरूकता अभियान के बाद भी सड़क हादसों में मौत की संख्या नहीं घटी है। खासकर शहर के तीनों रिंग रोड और रायपुर-बिलासपुर मार्ग, महासमुंद और दुर्ग-भिलाई मार्ग में लगातार सड़क हादसे हो रहे हैं और लोगों की मौतें हो रही है।
क्या किया अभियान में
सुनो रायपुर अभियान के तहत ट्रैफिक पुलिस और विभिन्न सामाजिक, स्वयंसेवी संगठनों के करीब 300 लोगों ने सार्वजनिक स्थानों, शैक्षणिक संस्थानों में जाकर ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी। उन्हें इन नियमों का पालन करने प्रेरित किया। इसके बाद 1 जनवरी को सभी को संकल्प दिलाया।

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