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उद्योगपतियों ने कहा-सस्ते दरों पर सरप्लस बिजली मिलें तो दिन के बजाय रात में भी चला सकते हैं उद्योग

locationरायपुरPublished: Feb 27, 2022 07:45:24 pm

Submitted by:

Ajay Raghuwanshi

स्टील रि-रोलर्स एसोसिएशन ने कहा कि विद्युत मंडल द्वारा अपनी सरप्लस (नाइट की बिजली) बिजली 2 से 2.50 रुपए प्रति यूनिट में बेचा जा रहा है। इसे 3 से 4 रुपए में स्थानीय रोलिंग मिलों को दिया जाए, जिससे स्थानीय स्टील रोलिंग मिलों को जीवनदान मिलेगा एवं बंद होने से बचाया जा सकेगा।

उद्योगपतियों ने कहा-सस्ते दरों पर सरप्लस बिजली मिलें तो दिन के बजाय रात में भी चला सकते हैं उद्योग

उद्योगपतियों ने कहा-सस्ते दरों पर सरप्लस बिजली मिलें तो दिन के बजाय रात में भी चला सकते हैं उद्योग

-नियामक आयोग की जनसुनवाई में रोलिंग मिल एसोसिएशन ने रखी कई मांगें

– एसोसिएशन ने कहा- सरप्लस बिजली सस्ते दरों पर स्थानीय उद्योगों को मिलें

यह अन्य मांगें रखी गई
-स्टेन अलोन रोलिंग मिलों का डिमांड चार्ज 190 को 100 प्रति केवीए किया जाए।
-बिजली यूनिट चार्ज को 6.45 रुपए को 6 रुपए किया जाए, जिससे रोलिंग मिलों की दर 07 प्रति यूनिट के आसपास आ जाए।
-12 घंटे का नाइट टैरिफ नेट 5 रुपए प्रति यूनिट फिक्स किया जाए।
-इकाइयों को पूर्व के वर्षों के औसत खपत से ज्यादा खपत करने पर उस अधिक खपत वाली इकाई को 4.00 रुपए प्रति यूनिट से फिक्स चार्ज किया जाए।
रायपुर. विद्युत नियामक आयोग की जनसुनवाई में औद्योगिक संगठनों ने कई मांगें रखी, जिसमें रोलिंग मिल एसोसिएशन और मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन ने विभिन्न मांगों को लेकर प्रस्ताव दिया है, जिसमें नियामक आयोग ने विचार करने का भरोसा दिलाया।छत्तीसगढ़ स्टील रि-रोलर्स एसोसिएशन ने कहा कि विद्युत मंडल द्वारा अपनी सरप्लस (नाइट की बिजली) बिजली 2 से 2.50 रुपए प्रति यूनिट में बेचा जा रहा है। इसे 3 से 4 रुपए में स्थानीय रोलिंग मिलों को दिया जाए, जिससे स्थानीय स्टील रोलिंग मिलों को जीवनदान मिलेगा एवं बंद होने से बचाया जा सकेगा। यह राहत मिले तो दिन के बजाय उद्योग रात में भी चला सकते हैं। एसोसिएशन का कहना है कि स्टेन अलोन रोलिंग मिल इकाइयां सबसेज्यादा रोजगार देती है एवं रोलिंग मिलों द्वारा किए जा रहे वेल्यु एडिशन से शासन को जीएसटी रूप में अतिरिक्त राजस्व प्राप्ति भी होती है।
मिनी स्टील प्लांट ने कहा-टैरिफ ना बढ़ाई जाएं
मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन ने नियामक आयोग को कई सुझाव दिए, जिसमें उद्योगों के लिए एक अलग टैरिफ विकल्प, नाइट टैरिफ, पीक ऑवर्स एवं ऑफ पीक ऑवर्स में अधिक छूट देना, पॉवर ऑफ के समय को बढ़ाना, लोड फैक्टर को यथावत रखना एवं आगामी वर्ष किसी भी प्रकार विद्युत टैरिफ में वृद्धि नहीं करने का प्रस्ताव दिया गया।
रोलिंग मिलों को सबसे महंगी बिजली
मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने कहा कि रोलिंग मिलों के लिए प्रदेश में सबसे ज्यादा महंगी बिजली की दरें हैं। प्रदेश में स्टील रोलिंग मिलों की विद्युत दरें सीमावर्ती राज्यों के मुकाबले बहुत अधिक होने के कारण रोलिंग मिल इकाइयां 50 से 60 फीसदी ही उत्पादन कर रहीं है। बीते महीनों में 8 से 10 रोलिंग मिलें बंद भी हो चुकी है। स्टील रोलिंग मिलों की तीन केटेगरी है प्रथम स्टेन अलोन रोलिंग मिलें जिनकी विद्युत की दर 8 से 9 रूपये प्रति यूनिट है। दूसरा रोलिंग मिल के साथ मिनी स्टील प्लांट जिनकी विद्युत की दर 5 से 5.50 रूपये प्रति यूनिट है एवं तीसरी केटेगरी रोलिंग मिल के साथ मिनी स्टील प्लांट और स्पंज आयरन विथ पॉवर प्लांट हैं, जिनकी विद्युत की दरें 7.50 रूपए प्रति यूनिट है। तीनों ही प्रकार की रोलिंग मिलें समान उत्पाद बनाती है, लेकिन दरें अलग-अलग हैं। नियामक आयोग द्वारा जनसुनवाई में यह मांग रखी गई कि अंतर को व्यवहारिक कर स्टेन अलोन रोलिंग मिलों के लिए दरें 7 रुपए प्रति यूनिट पर आना चाहिए।
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