निजी अस्पतालों में रोटा वायरस (Rotavirus) का टीका लगवाने के लिए 2500 से 5000 रुपए तक खर्च करने पड़ते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार छोटे बच्चे सबसे ज्यादा रोटा वायरस (Rotavirus) की चपेट में आते हैं। बच्चों में दस्त पैदा करता है और इससे बच्चे के शरीर में नमक और पानी की कमी हो जाती है। शरीर में कमजोरी आ जाती है। यदि समय पर इलाज नहीं मिले तो बच्चे की मौत भी हो सकती है। सर्दी के मौसम में इसका खतरा बढ़ जाता है।
चार अफसरों को किया जाएगा प्रशिक्षित: रोटा वायरस वैक्सीन (Rotavirus Vaccine) राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल है। इसी के तहत दिल्ली से आने वाली टीम राजधानी में 14 मई से 4 दिनों तक जिलों के जिला टीकाकरण अधिकारी, चिकित्सा पदाधिकारी, शीत श्रृंखला प्रबंधक और आरएमएनसीएचए सलाहकार को प्रशिक्षण देकर मास्टर प्रशिक्षक के रूप में प्रशिक्षित करेगी। इसके बाद प्रदेशभर में नियमित टीकाकरण अभियान के तहत 0 से 1 साल के बच्चों को रोटा वायरस का वैक्सीन दिया जाएगा।
यह है रोटा वायरस(Rotavirus Vaccine)
रोटा वायरस (Rotavirus) वह विषाणु है, जिसकी वजह से आंतों का इनफेक्शन यानि जठरांत्रशोथ (गैस्ट्रोएंटेराइटिस) होता है। इस इनफेक्शन (Injection) से आंत की अंदरुनी परत को नुकसान पहुंचता है। शरीर कोई भी पोषक तत्व अवशोषित नहीं कर पाता। छह महीने से दो साल तक के बच्चों को इसका खतरा सबसे अधिक होता है।
आज-कल 13 जिलों के अधिकारियों को प्रशिक्षण
बलौदाबाजार-भाटापारा, बलरामपुर, बेमेतरा, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, जशपुर, कवर्धा, कोरबा, कोरिया, मुंगेली, रायगढ़, सरगुजा और सुरजपुर। 16-17 मई को 14 जिलों के अधिकारी होंगे प्रशिक्षित रायपुर, बालोद, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, धमतरी, दुर्ग, गरियांबंद, कांकेर, कोंडागांव, महासमुंद, नारायणपुर, राजनांदगांव और सुकमा।
रायपुर के जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. आर.के. चंद्रवंशी ने बताया कि रोटा वायरस वैक्सीन (Rotavirus Vaccine) देने की अभी तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन जल्द ही इसका लाभ बच्चों को मिलेगा। आज से अफसरों को दिल्ली से पहुंची टीम ट्रेनिंग देगी।
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