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RTE की सीटों की बाध्यता खत्म करने को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

locationरायपुरPublished: Sep 25, 2020 10:50:54 am

Submitted by:

Ashish Gupta

कोरोना संक्रमण के मद्देनजर प्रदेश के निजी स्कूल सीटों (RTE) की संख्या के हिसाब से 25 प्रतिशत रिजर्व सीटों की संख्या घटा या बढ़ा सकते है। यह निर्देश हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) ने पिछले दिनों जारी किया है।

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रायपुर. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर प्रदेश के निजी स्कूल सीटों (RTE) की संख्या के हिसाब से 25 प्रतिशत रिजर्व सीटों की संख्या घटा या बढ़ा सकते है। यह निर्देश हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) ने पिछले दिनों जारी किया है। इस निर्देश की अगली सुनवाई अक्टूबर माह में होगी। अक्टूबर माह में आने वाले फैसले को अंतरिम करार दिया जाएगा और उसी के हिसाब से आरटीई (Right to education) की सीटों में निजी स्कूलों में प्रवेश होंगे।
पिछले दिनों जारी हुए आदेश को वायरल करते हुए निजी स्कूलों के संचालक आरटीई की सीटों की बाध्यता खत्म करने का दावा करते हुए उत्साह मनाने रहे है। निजी स्कूलों के संचालकों का कहना है, कोर्ट के निर्देशानुसार आरटीई की सीटों में पूर्ण सीटों के हिसाब से प्रवेश होगा।
हाईकोर्ट के इस वायरल आदेश को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है, कि अभी उन्हें कोर्ट की कॉपी नहीं मिली है। अक्टूबर माह में जब अंतरिम फैसला आ जाएगा, उसके बाद निजी स्कूलों के संचालकों के साथ बैठक करेंगे और सीटों का प्रतिशत तय करेंगे। वर्तमान में आरटीई की 25 प्रतिशत सीटों के हिसाब से प्रवेश प्रक्रिया होगी।
रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी जीआर चंद्राकर ने कहा, हमारे पास कोर्ट की ऑफिशियल कॉपी नहीं है। समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी हुई है। अंतरिम फैसला और निर्देश की कॉपी आने के बाद नियमानुसार नियम बनाए जाएंगे।
छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने कहा, आरटीई की फीस कम है, इसलिए स्कूल छात्र लेने से हिचकिचाते है। राज्य सरकार को फीस को लेकर पुर्नविचार करना चाहिए। निर्णय और विभाग के निर्देशों का पालन निजी स्कूल करेंगे, लेकिन निजी स्कूलों की समस्याओं का समाधान भी जिम्मेदारों को करना चाहिए।

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