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रायपुर

सॉफ्टवेयर अपडेट के बाद RTO के पास नहीं है पुराना डाटा, आरसी ट्रांसफर में हो रही परेशानी

प्रदेश के परिवहन कार्यालयों में नाम ट्रांसफर करवाने के लिए आने वाले सभी आवेदकों को समस्या हो रही है

रायपुरMar 23, 2019 / 12:09 pm

Deepak Sahu

RTO

सॉफ्टवेयर अपडेट के बाद RTO के पास नहीं है पुराना डाटा, आरसी ट्रांसफर में हो रही परेशानी

रायपुर. प्रदेश के परिवहन कार्यालयों में नाम ट्रांसफर करवाने के लिए आने वाले सभी आवेदकों को समस्या हो रही है। केवल रायपुर परिवहन कार्यालय में तीन दर्जन केस फरवरी में पेंडिंग हैं। केंद्रीय परिवहन कार्यालय के निर्देश पर जब से प्रदेश के परिवहन कार्यालय में वाहन 4 सॉफ्टवेयर अपडेट हुआ है, तब से आरसी में नाम ट्रांसफर करने और पुरानी गाड़ी का डिटेल निकालने के लिए लोगों को संघर्ष करना पड़ रहा है।
शिवानंदनगर में रहने वाले वसीम खान ने अपने पड़ोसी से कार खरीदी थी। आरसी ट्रांसफर करवाने के लिए जब रावाभाठा स्थित परिवहन कार्यालय पहुंचा तो अधिकारियों ने कागजात लेकर एक हफ्ते बाद आने के लिए कहा। एक हफ्ते बाद जब दोबारा पहुंचे तो सिस्टम में गाड़ी का डाटा नहीं होने की बात कहते हुए नया रायपुर स्थित परिवहन मुख्यालय से संपर्क करने के लिए कहा गया।
जब वे मुख्यालय पहुंचे तो वहां के अफसरों ने फिर से क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय जाने का निर्देश दिया और ट्रांसफर संबंधित प्रक्रिया उक्त कार्यालय में होने की बात बताई। वसीम 25 दिन से रायपुर आरटीओ और मुख्यालय के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन नाम ट्रांसफर की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। वसीम की तरह कई लोग परेशान है।

त्रुटि सुधार में लग जाते हैं महीनों
परिवहन कार्यालय में सॉफ्टवेयर अपडेट होने से कर्मचारी भी परेशान हैं। जिन कर्मचारियों को वाहन 4 सॉफ्टवेयर ऑपरेट करना नहीं आता, वे सॉफ्टवेयर कंपनी के स्टाफ के भरोसे बैठे रहते हैं। कई बार नाम और पता त्रुटिवश कागज में छप जाने पर सुधार करवाने के लिए दिल्ली मुख्यालय तक पत्राचार करना पड़ता है। इस पूरे प्रोसेस में हफ्तों और कई बार तो महीनों लग जाता है।

इन गाडिय़ों में आ रही ज्यादा समस्या
नीलामी की दौरान खरीदी गई शासकीय गाडिय़ों में नाम ट्रांसफर करवाने में ज्यादा समस्या आ रही है। शासकीय कार्यालयों में अटैच गाडिय़ां विभाग को मिलती है और उनके ऑनर की जगह विभाग का नाम लिखा होता है। इस तरह की गाडिय़ां खरीदने वालों को फस्र्ट पार्टी से सहयोग नहीं मिलता। नीलामी में वाहन खरीदने वाले शख्स की शिकायत अगर अधिकारियों को मिलती है तो पुलिस को सूचना देकर गाड़ी जब्त करा देते हैं।

समाधान होगा
छत्तीसगढ़ के संयुक्त परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर ने बताया कि गाडिय़ों का ट्रांसफर करने के लिए दोनों पक्षों की जानकारी होना आवश्यक है। वाहन स्वामी जो जानकारी देते हैं, उसे विभाग के रिकॉर्ड से मिलाने के बाद कर्मचारियों द्वारा ट्रांसफर किया जाता है। अभी सॉफ्टवेयर अपडेट हुआ है। रिकॉर्ड को उसमें ट्रंासफर करने की प्रक्रिया जारी है। समस्या का समाधान हो इसलिए कर्मचारियों को जल्द रिकॉर्ड अपलोड करने का निर्देश दूंगा। इसके बाद समस्या नहीं होगी।

ऐसे आ रही समस्या
छत्तीसगढ़ के सभी परिवहन कार्यालय में अब तक एनआईसी को डाटा सुरक्षित रखने और समय पर अधिकारियों को जानकारी देने की जिम्मेदारी मिली थी। अक्टूबर 2018 में जब पूरे देश में केंद्रीय परिवहन कार्यालय ने वाहन 4 सिस्टम के तहत काम करने के निर्देश दिए, तो अक्टूबरसे पहले का डाटा एनआईसी के सॉफ्टवेयर में रह गया। एनआईसी से डाटा वाहन 4 सिस्टम में ट्रांसफर नहीं होने की वजह से पुरानी गाडिय़ों की विस्तृत जानकारी परिवहन कर्मियों को नहीं मिल रही है।

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