त्रुटि सुधार में लग जाते हैं महीनों
परिवहन कार्यालय में सॉफ्टवेयर अपडेट होने से कर्मचारी भी परेशान हैं। जिन कर्मचारियों को वाहन 4 सॉफ्टवेयर ऑपरेट करना नहीं आता, वे सॉफ्टवेयर कंपनी के स्टाफ के भरोसे बैठे रहते हैं। कई बार नाम और पता त्रुटिवश कागज में छप जाने पर सुधार करवाने के लिए दिल्ली मुख्यालय तक पत्राचार करना पड़ता है। इस पूरे प्रोसेस में हफ्तों और कई बार तो महीनों लग जाता है।
इन गाडिय़ों में आ रही ज्यादा समस्या
नीलामी की दौरान खरीदी गई शासकीय गाडिय़ों में नाम ट्रांसफर करवाने में ज्यादा समस्या आ रही है। शासकीय कार्यालयों में अटैच गाडिय़ां विभाग को मिलती है और उनके ऑनर की जगह विभाग का नाम लिखा होता है। इस तरह की गाडिय़ां खरीदने वालों को फस्र्ट पार्टी से सहयोग नहीं मिलता। नीलामी में वाहन खरीदने वाले शख्स की शिकायत अगर अधिकारियों को मिलती है तो पुलिस को सूचना देकर गाड़ी जब्त करा देते हैं।
समाधान होगा
छत्तीसगढ़ के संयुक्त परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर ने बताया कि गाडिय़ों का ट्रांसफर करने के लिए दोनों पक्षों की जानकारी होना आवश्यक है। वाहन स्वामी जो जानकारी देते हैं, उसे विभाग के रिकॉर्ड से मिलाने के बाद कर्मचारियों द्वारा ट्रांसफर किया जाता है। अभी सॉफ्टवेयर अपडेट हुआ है। रिकॉर्ड को उसमें ट्रंासफर करने की प्रक्रिया जारी है। समस्या का समाधान हो इसलिए कर्मचारियों को जल्द रिकॉर्ड अपलोड करने का निर्देश दूंगा। इसके बाद समस्या नहीं होगी।
ऐसे आ रही समस्या
छत्तीसगढ़ के सभी परिवहन कार्यालय में अब तक एनआईसी को डाटा सुरक्षित रखने और समय पर अधिकारियों को जानकारी देने की जिम्मेदारी मिली थी। अक्टूबर 2018 में जब पूरे देश में केंद्रीय परिवहन कार्यालय ने वाहन 4 सिस्टम के तहत काम करने के निर्देश दिए, तो अक्टूबरसे पहले का डाटा एनआईसी के सॉफ्टवेयर में रह गया। एनआईसी से डाटा वाहन 4 सिस्टम में ट्रांसफर नहीं होने की वजह से पुरानी गाडिय़ों की विस्तृत जानकारी परिवहन कर्मियों को नहीं मिल रही है।