योजना का उद्देश्य जीएसटी लागू होने के पूर्व बकाया कर वालों को आंशिक छूट देकर कर विवादों का जल्द निपटारा करना था। योजना 1 सितंबर से 31 दिसंबर 2019 तक लागू की गई थी। चूंकि बहुत से मामले अभी भी लंबित है। इस योजना के तहत करीब 73 फीसदी मामलों को निराकरण भी किया जा चुका है। शेष बचे 27 फीसदी प्रकरणों के निपटारे के लिए करदाताओं की मांग पर यह समय बढ़ाया गया है। योजना का लाभ उठाकर व्यापारी बड़ी छूट पा सकते हैं। 15 जनवरी के बाद फाइन के साथ टैक्स वसूला किया जाएगा। इस योजना से छत्तीसगढ़ से लगभग 973 करदाताओं के लगभग 1400 करोड़ रुपए के लंबित मामले सुलझा लिए गए हैं। इस योजना के तहत करदाता को लंबित पर 40 से 70 फीसदी तक की छूट व ब्याज और जुर्माने से भुगतान में भी राहत मिली है। वहीं रायगढ़ डिवीजन में करीब साढ़े तीन सौ ऐसे मामले हैं। इनमें सौ से ज्यादा करदाताओं को इस योजना का फायदा मिला है।
सबसे ज्यादा पसंद की गई केंद्र सरकार की यह योजना
वित्त मंत्रालय का कहना है कि सबका विश्वास योजना को टैक्सपेयर्स ने अब तक की सबसे फायदे वाली योजना के तौर पर माना है। सरकार ने अब तक ऐसी जितनी भी योजनाओं की घोषणा की उनमें यह सबसे ज्यादा पसंद की गई। सरकार ने योजना में टैक्सपेयर्स के बीच भारी रुचि को देखते हुए कहा है कि पात्र टैक्सपेयर्स योजना का लाभ उठाने से पीछे नहीं रहेंगे और जल्द से जल्द आवेदन करेंगे ताकि उन्हें तय राहत और माफी का फायदा मिल सके ।
चर्चा में क्यों है यह योजना
बजट 2019 में वित्त मंत्री ने सबका विश्वास योजना 2019 की घोषणा की थी। केंद्र की इस योजना का उद्देश्य बकाया कर राशि वाले लोगों को आंशिक छूट देना और कर विवाद मामलों का जल्द-से-जल्द निपटारा करना है।