यूजीसी (UGC) की यह गाइडलाइन
– कॉलेज में एंटी रैगिंग कमेटी या एंटी रैगिंग स्क्वायड बनाया जाए।
– कॉलेज के प्रोस्पेक्टस, बुकलेट या ब्रोशर में एंटी रैगिंग वार्निंग दी जाए।
– इंस्टीट्यूट की वेबसाइट पर एंटी रैगिंग कमेटी के नोडल अधिकारी की कांटेक्ट डिटेल दी जाए।
– नए छात्र-छात्राओं से रोजाना इंटरेक्शन और उनकी काउंसलिंग की जाए।
– कॉलेज की अधिकारियों द्वारा सरप्राइस इंस्पेक्शन किया जाना चाहिए।
– एंटी रैगिंग वर्कशॉप, सेमिनार आयोजित की जाए।
– गोपनीयता को प्रभावित किए बिना सुरक्षा एप्स तैनात किए जाएं।
– यदि कोई स्टूडेंट रैगिंग जैसी समस्या से जूझ रहा है तो वह नेशनल एंटी रैगिंग कमेटी के हेल्पलाइन नंबर 18001805522 पर शिकायत कर सकते हैं।
विश्वविद्यालय में ये है तैयारी
– कैंपस और हॉस्टल को सीसीटीवी कैमरे से लैस किया गया है।
– विश्वविद्यालय के नोटिस बोर्ड और कुछ खास जगहों में पोस्टर चस्पा किए गए हैं। इन पोस्टरों में रैगिंग के कड़े कानूनों का जिक्र होगा।
– विश्वविद्यालय परिसर में बोर्ड में नो रैगिंग जोन का होर्डिंग लगाया गया है।
– रैगिंग की शिकायत स्टूडेंट्स 9424215539, 9425258422 में कॉल करके भी कर सकते हैं।
रैगिंग कमेटी में यह शामिल
– सेंट्रल एंटी रैगिंग कमेटी में डॉ. एके श्रीवास्तव, डॉ शम्स परवेज, डॉ राजीव चौधरी, डॉ. एमिया एक्का, डॉ. एलएस गजपाल, डॉ. सीडी अगासे, डॉ. रीता वेनुगोपाल, डॉ. मधुलता बर्रा, डॉ. आरती परगनिहा, डॉ. मीता झा, डॉ. अशोक प्रधान, डॉ. एमएल सतनामी, डॉ. अंबर व्यास, डॉ. लक्ष्मीकांत, प्रोफेसर केके घोष और प्रोफेसर आरके ब्रम्हे शामिल हैं। एंटी रैगिंग स्क्वायड में प्रबंधन ने डॉ. डीपी बिसेन, डॉ. एलएल गजपाल और डॉ. कमलेश कुमार शुक्ला को शामिल किया गया है।Saifai Ragging Case