अपने शहर में काम करके दिखाएं
एशले ने आइएनआइएफडी के स्टूडेंट्स से कहा कि किसी भी फील्ड में सक्सेस आसान नहीं है। आज मुझे खुद का स्टोर खोलने में 25 साल लग गए। आप चंद साल में ही एशले या मनीष मल्होत्रा नहीं बन सकते। आप पहले अपने शहर और स्टेट में अपनी प्रतिभा को दिखाइए, उसके बाद बाहर जाने का सोचें। कामयाबी के लिए काम के प्रति डेडिकेशन बहुत जरूरी है।
कयामत से कयामत तक से जर्नी शुरू हुई
कॉलेज टाइम पर मैं मंसूर खान की ऑफिस में गया। वे उस वक्त कयामत से कयामत तक बना रहे थे। मैंने उनसे कहा कि आप नए लोगों के साथ काम कर रहे हैं। मैं आपके साथ काम करना चाहता हूं। इस तरह वह काम मुझे इजी- वे पर ही मिल गया। मेरी जर्नी इस फिल्म के खत्म होने से शुरू हुई। क्योंकि मैं इंडस्ट्री से नहीं था।