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दिवाली से पहले लेंगे मिठाइयों का सैंपल, रिपोर्ट त्योहार के 10 दिन बाद आएगी

locationरायपुरPublished: Oct 24, 2019 01:08:08 am

दीपावली के पहले फूड सेफ्टी विभाग ने मिठाई दुकानों की जांच शुरू कर दी है लेकिन लैब से रिपोर्ट त्योहार बीत जाने के करीब 10 दिनों बाद आएगी। लोगों को समय पर रिपोर्ट की जानकारी नहीं मिलने से जांच प्रक्रिया औपचारिकता मात्र बनकर रह गई है। शहर में ही 500 से अधिक मिठाई दुकान हैं, लेकिन विगत एक सप्ताह के भीतर मात्र 25 सैंपल लिए गए हैं।

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फाफाडीह स्थित मिष्ठान भंडार से सैंपल लेती टीम।,फाफाडीह स्थित मिष्ठान भंडार से सैंपल लेती टीम।

रायपुर. अफसरों का कहना है कि गुरुवार से कार्रवाई तेज की जाएगी क्योकि जैसे-जैसे त्योहार नजदीक आता है, नकली मिठाइयों के कारोबार में भी तेजी आती है। 27 को दीपावली, 28 को गोवर्धन पूजा और 29 को भाई दूज है। तीन दिनों में ही शहर में करोड़ों रुपए की मिठाइयों का कारोबार हो जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि जब त्योहार नजदीक आता है तो सैंपल लिया जाता है। जब तक रिपोर्ट आती है तब तक सारी मिठाइयां खप जाती है। जिस दुकान से मिठाई का सैंपल लिया जाता है, उसे भी सील नहीं किया जाता है। वह मिठाई ही लोगों को बेच दी जाती है। विभाग की जांच में हर साल छोटी व मंझले दुकानों पर कार्रवाई होती है, बड़े दुकानों पर जांच के लिए अधिकारी झांकने तक नहीं जाते हैं।
देखिए ब्यूरोक्रेसी को हमारे स्वास्थ्य की कितनी चिंता

स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक सिंह ने नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग को पत्र लिखकर मिलावटी मिठाई की सघन जांच कराने को कहा है। पत्र के अनुसार, दीपावली में मिलावटी खोवा और गुणवत्ताहीन मिठाई की बिक्री की जाती है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। जिसकी सभी जिलों में पदस्थ खाद्य सुरक्षा अधिकारियों से सघन जांच कराई जाए।
सैंपल लेते हैं, रिपोर्ट का पता नहीं
त्योहार ही नहीं पूरे सालभर मिलावटखोरी का खेल चलता है, लेकिन खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग के अधिकारी व कर्मचारी चुप्पी साधे रहते हैं। दूध-घी, तेल, मिठाई, मावा, मसाले, बेसन-मैदा यहां तक कि शीतल पेय में सालभर मिलावट का खेल चलता है। कभी कभार विभाग कार्रवाई करता भी है तो उसकी रिपोर्ट का कुछ पता नहीं चलता है।
मिठाई की जांच करने सिर्फ दो मोबाइल वैन

प्रदेशभर में हजारों मिठाई दुकानों की जांच के लिए सिर्फ दो मोबाइल वैन रायपुर और बिलासपुर में है। वैन से तुरंत जांच रिपोर्ट मिल जाती है, हालांकि इसे प्रामाणिक नहीं माना जाता। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग के एक आला अधिकारी ने बताया कि मोबाइल वैन से दुकानों पर मिठाई का सैंपल लेकर जांच किया जाता है। अमानक पाए जाने पर दुकानदार को हिदायत देकर पूरी मिठाई फेंकवा दी जाती है। त्योहार से पहले मिठाइयों की खास डिमांड नहीं रहती इसलिए मोबाइल वैन से एक-दो दिन पहले जांच की जाती है ताकि ज्यादा से ज्यादा सैंपल लिया जा सके।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के सहायक नियंत्रक राजेश शुक्ला ने बताया कि दुकानों से सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेजते हैं। लैब से जांच रिपोर्ट में आने में समय लगता है। मोबाइल वैन से जांच कर तुरंत मिठाइयों को फिकवा दिया जाता है।
पत्रिका व्यू
पहले क्यों जारी नहीं किया आदेश, दो दिन में क्या रोक लग जाएगी मिलावटी मिठाइयों पर
दीपावली में मिलावटी मिठाइयों पर रोक लगाने के लिए छापामार कार्रवाई के आदेश सचिव ने जारी किया है। इस आदेश पर ही अब सवाल उठने लगा है कि दो दिन में मिलावटी मिठाइयों पर कैसे रोक लगेगी। बाहर से आने वाले मिलावटी मावे की खेप भी निर्धारित जगहों पर पहुंच चुकी है। दुकानदारों ने भी मिठाइयां तैयार कर दुकानें सजाना शुरू कर दिए हैं। यदि इन दो दिनों में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम छापा मार कार्रवाई कर मिठाइयों के सैंपल भी लेते हैं, इसकी जांच रिपोर्ट आज तक मौके पर जारी करने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। सैंपल की जांच के लिए अन्य राज्यों की लैब में भेजा जाता है। इसकी रिपोर्ट त्योहार के १० दिन बाद आएगी, तब तक सारी मिठाई बिक चुकी होगी। एेसे में इस तरह की छापामार कार्रवाई कर परंपरा निभाने की जरूरत ही नहीं है। शासन को लोगों की सेहत और जान की जरा भी परवाह है, तो मिलावटी मिठाइयों पर रोक लगाने त्योहारी सीजन शुरू होने के १५ से २० दिन पहले ताबड़ तोड़ छापामार अभियान त्योहार के आखिरी दिन तक चलाना चाहिए।
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