धर्मस्व और जिले के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि हम मेला को लगातार अच्छा बनाने के लिए प्रयासरत है। यह मेला आस्था, आध्यात्मिक और संस्कृति का अद्भुत संगम है। वर्ष 2001 में राजिम महोत्सव का नाम दिया गया। आज पुन्नी मेला के रूप में आयोजन किया जा रहा है। इस बार मेला में हितग्राहियों को सीधा लाभ पहुंचाया गया है। जिसमें विभागीय मंत्री शामिल हो रहे है। उन्होंने मेला के दौरान गतिविधियों को रेखांकित किया।
राजिम विधायक शुक्ल ने कहा कि राजिम की इस पवित्र भूमि छत्तीसगढ़ के प्रयाग के नाम से जाना जाता है। उन्होंने इस क्षेत्र की महत्ता को रेखांकित किया। पुन्नी मेला सदियों से होता रहा है। इस मंच से उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने 15 दिनों के लिए शराबबंद किया, जो ऐतिहासिक निर्णय है। इसके लिए मुख्यमंत्री को साधुवाद दिया।
राजिम विधायक शुक्ल ने कहा कि राजिम की इस पवित्र भूमि छत्तीसगढ़ के प्रयाग के नाम से जाना जाता है। उन्होंने इस क्षेत्र की महत्ता को रेखांकित किया। पुन्नी मेला सदियों से होता रहा है। इस मंच से उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने 15 दिनों के लिए शराबबंद किया, जो ऐतिहासिक निर्णय है। इसके लिए मुख्यमंत्री को साधुवाद दिया।