दिवाली पर्व के लिए सप्ताह पंद्रह दिन पहले से लोग घारों को चमका रहे। लाइटिंग भी सजने लगी हैं। धनतेरस की खरीदारी का प्लान भी तैयार है। क्योंकि सरकारी विभागों से लेकर निजी कंपनियों के कर्मचारियों को वेतन के साथ ही बोनस भी मिल रहा है। ऐसे समय में अभिजीत संयोग और शुभ मुहूर्त से खुशियां और बढ़ गई हैं। हर सेक्टर का बाजार अब चहकने लगा है। ज्योतिषी पंडित यदुवंशमणि त्रिपाठी और पंडित मनोज शुक्ला के अनुसार शुभ नक्षत्र और मुहूर्त की हर तिथियों पर कोई भी नई वस्तु या प्रापर्टी की खरीदारी विशेष फलदायी मानी गई है। दो दिवसीय पुष्य नक्षत्र के साथ ही दिवाली तक शुभ तिथियों का संयोग है।
11 को उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में महालक्ष्मी योग
दिवाली सप्ताह में 11 नवंबर को उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का संयोग बना है। यह तिथि भी खरीदारी के लिए विशेष है। पंडित शुक्ल के अनुसार वर्धमान व चंद्रमा-मंगल की युति से महालक्ष्मी योग है। जो अभिष्ट फलदायी है।
12 को गोवत्स द्वादशी की युति खरीदारी का मुहूर्त
इस तिथि की युति के साथ ही धनतेरस का शुभ मुहूर्त प्रारंभ हो रहा है। जो 24 घंटे तक रहेगा। ज्योतिषी पंडित त्रिपाठी के अनुसार प्रीति योग में प्रापर्टी, ज्वलरी, गाड़ियां, इलेक्ट्रॉनिक्स सामग्री, आलमारी, फर्नीचर, बर्तन आदि सामग्री खरीद सकते हैं।
13 को धनतेरस और चौदस साथ-साथ
पंडितशुक्लके अनुसार शुक्रवार 13 नवंबर को धनतेरस है। इस तिथि पर प्रदोष और हस्तनक्षत्र के संयोग भी बन रहा है। इसलिए सोना-ल्चांदी के जेबर से लेकर ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर के लिए विशेष रहेगा। ऐसे संयोग में की गई फलीभूत मानी गई है।
दिवाली पर सर्वार्थ सिद्धि का संयोग बना
दीपोत्सव पर 17 साल बाद सर्वार्थ सिधि योग बनने जा रहा है। इससे पहले ऐसा ही संयोग 2003 में बनाथा। पंडित शुक्ल के अनुसार सूर्योदय के साथ यह योग प्रारंभ होगा इसलिए हर प्रकार की खरीदारी के लिए शुभ है। इसलिए तिथि पर घर का कोना-कोना दीपमालाओं रोशन होगा। महालक्ष्मी का पूजन होगा।