सावन का तीसरा सोमवार शिव भक्तों के लिए सुख समृद्धि व हर दुख का नाश करने वाला योग लेकर आ रहा है। सोमवती अमावस्या को लेकर शिव मंदिरों को विशेष पूजा अर्चना की तैयारी की गई है। सावन के तीसरे सोमवार को पडऩे वाली यह अमावस्या को सोमवती अमावस्या या हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है। लक्ष्मी नारायण मंदिर के पुजारी संतोष तिवारी ने बताया कि इस साल सावन सोमवती अमावस्या के दिन अद्भुत संयोग बन रहा है, क्योंकि चंद्र, बुध, गुरु, शुक्र व शनि ग्रह अपनी-अपनी राशियों में उपस्थित रहेंगे। इससे कई राशियों पर ग्रहों की इस स्थिति का शुभ प्रभाव देखने को मिलेगा। सोमवती अमावस्या पर शिव पूजन के बाद तुलसी की १०८ परिक्रमा करने से जन्मो जन्म के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं व अराधना करने वालों की सभी मनोकामना पूरी हो जाती है।
सोमवती अमावस्या का महत्व
सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश, कार्तिकेय व नंदी महाराज की पूजा करने से सर्व सिद्धि प्राप्त होती है। शिवलिंग का जलाभिषेक करना विशेष रूप से फलदायी है, पितरों का तर्पण करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है व पितरों को परलोक प्राप्त होता है। सोमवती अमावस्या पर पौधारोपण करने से ग्रह दोष शांत होता है।
सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश, कार्तिकेय व नंदी महाराज की पूजा करने से सर्व सिद्धि प्राप्त होती है। शिवलिंग का जलाभिषेक करना विशेष रूप से फलदायी है, पितरों का तर्पण करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है व पितरों को परलोक प्राप्त होता है। सोमवती अमावस्या पर पौधारोपण करने से ग्रह दोष शांत होता है।
छत्तीसगढ़ का प्रमुख परंपरागत त्योहार हरेली
छत्तीसगढ़ का प्रमुख त्योहार हरेली सोमवार को ही पड़ रहा है। हरेली में किसान अपने सभी औजारों की पूजा करते हैं व अच्छी बारिश के साथ ही फसल अच्छी हो इसे लेकर भी प्रकृति की अराधना करते हैं। गांव गेडी चढऩा व छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यजंन भी महिलाए बनाती हैं, वहीं शहरों में नारियल फेंक प्रतियोगिता जगह-जगह होती है।
छत्तीसगढ़ का प्रमुख त्योहार हरेली सोमवार को ही पड़ रहा है। हरेली में किसान अपने सभी औजारों की पूजा करते हैं व अच्छी बारिश के साथ ही फसल अच्छी हो इसे लेकर भी प्रकृति की अराधना करते हैं। गांव गेडी चढऩा व छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यजंन भी महिलाए बनाती हैं, वहीं शहरों में नारियल फेंक प्रतियोगिता जगह-जगह होती है।