स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि निजी स्कूल संचालक गलत जानकारियां फैला रहे है। आरटीई की राशि केंद्र से आने के बाद तत्काल स्कूलों को जारी की जा रही है। कक्षा 9वीं से 12वीं में आरटीई योजना के तहत पढ़ रहे छात्रों का भुगतान भी समय पर किया जा रहा है। जिन स्कूलों ने आरटीई पोर्टल और विभाग को सही जानकारी दी थी, उनका भुगतान कर दिया गया है। जिन स्कूलों ने गलत जानकारी फीड की है, उनका भुगतान अटका है और इसी बात को लेकर निजी स्कूल संचालक विवाद खड़ा कर रहे हैं।
स्कूल संचालक दबाव में
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर प्रदेश भर के स्कूलों की जांच की जा रही है। कुछ स्कूलों की गड़बड़ी भी पकड़ में आई, जिनके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है। इस सख्ती के कारण अब स्कूल संचालक प्रदर्शन में उतर आए है। नियमानुसार जो संचालक स्कूल संचालित कर रहे है, उन्हें किसी भी तरह से परेशान नहीं किया जा रहा है। जिन लोगों के स्कूलों में गड़बड़ी मिली है, वे लोग स्कूल संचालकों की भीड इकट्ठा करके विभाग को बदनाम कर रहे है।
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नियम विपरीत जो स्कूल संचालक अपना स्कूल बंद करेंगे और उस स्कूल में पढऩे वाले छात्रों के पालक यदि शिकायत करेंगे? तो स्कूलों की जांच कराई जाएगी। जांच के दौरान स्कूल बंद मिलने पर रिपोर्ट बनाकर वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी जाएगी और उनका निर्देश मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
रायपुर के जिला शिक्षा अधिकारी अशोक नारायण बंजारा ने कहा, आरटीई का पैसा केंद्र से मिलने के बाद तत्काल स्कूलों को जारी किया जाता है। राज्य सरकार को आरटीई के तहत कक्षा 9वीं से 12वीं तक पढऩे वाले छात्रों का भुगतान करना है। जिन स्कूलों ने नियामनुसार जानकारी पोर्टल में अपलोड की है। उन स्कूलों का भुगतान कर दिया गया है। उन्हीं स्कूलों का भुगतान रुका है, जिनके आवेदनों में गड़बड़ी है।
यह भी पढ़ें: 28 अक्टूबर से राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आगाज, CM हेमंत सोरेन और चन्नी होंगे अतिथि छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने कहा, हमने अपनी मांग का आवेदन सरकार और विभाग को दे दिया है। हमारी मांग समय पर पूरी नहीं हुई, तो प्रदेश स्तरीय बैठक लेकर मामले में आगे का निर्णय लेंगे। अपने हक के लिए सड़क से कोर्ट तक की लड़ाई लड़ेंगे।