यह है लू लगने के सामान्य लक्षण स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी के मुताबिक स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों विशेष जोखिम में न पड़े इन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। गर्म हवाओं, लू लगने के सामान्य लक्षण के रूप में उल्टी या दस्त या दोनों का होना पाया जाता है, अत्यधिक प्यास लगती है, तेज बुखार आ सकता है या कभी-कभी मुर्छा भी आ सकती है। इसके लिए पूर्व तैयारी, लोगों में जागरूकता एवं बचाव के उपायों को जानकर ही जीवन को सुरक्षित किया जा सकता है।
लू लगने पर यह करें लू लगने पर व्यक्ति को छांव में लिटा दें। अगर तंग कपड़े हो तो उन्हें ढीला कर दें अथवा हटा दे। ठंडे गीले कपड़े से शरीर पोछे या ठंडे पानी से नहलाएं व्यक्ति को ओआरएस, नीबू, पानी, नमक-चीनी का घोल पीने को दें, जो शरीर में जल की मात्रा को बढ़ा सके। यदि व्यक्ति पानी की उल्टियां करे या बेहोश हो, तो उसे कुछ भी खाने और पीने को न दें। लू लगे व्यक्ति की हालत में एक घंटे तक सुधार न हो तो उसे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में ले जाएं।
लू से बचने के लिए यह करें परिवार स्तर पर यदि अतिआवश्यक न हो तो दोपहर में बच्चों को घर से बाहर न निकलने दे, यथासंभव सूती, हल्का या हल्के रंग का कपड़ा पहनाएं। थोड़े-थोड़े अंतराल पर पानी पीने को देते रहे। यथासंभव हो सके तो पानी में ग्लूकोस मिलाकर दे। हल्का व थोड़ा भोजन दें, भोजन को कई बार खिलाये ताजा पका हुआ ही भोजन करें एवं बासी भोजन कदापि न करें। तेज धूप में बच्चों को खेलने के लिए बाहर न जाने दे। बच्चों को जानकारी दी जाए कि वह घर से स्कूल तक सिर पर टोपी, गमछा या छाता जो भी सुलभ हो लेकर आए। लू लग जाने पर तौलिया, गमछा ठंडी पानी में भिगोकर सिर पर रखे।
लू लगने पर एेसा रखेगा खान-पान लू लगने पर आम का पना का घोल एवं नारियल का पानी पीने को दे। ओआरएस का घोल एवं ग्लूकोस भी नियमित रूप से देते रहे ताजी बनी दाल का पानी, चावल का माड़ में थोड़ा सा नमक मिलाकर बच्चों को उनकी रूचि एवं पचने के अनुसार दिया जा सकता है। गंभीर स्थिति होने पर तुरंत नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराएं एवं चिकित्सक की सलाह ली जाए।