स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्कूल प्रबंधन को छात्रों से शुल्क लेकर उन्हें जमा करने का निर्देश दिया है। रेडक्रास अंशदान की राशि 20 प्रतिशत जिला में और 30 प्रतिशत राज्य शाखा में जमा करने को लेकर पत्र जारी किया गया है।
कोरोना काल का भी मांग रहे
पालको के अनुसार स्कूल प्रबंधन वर्तमान के साथ पूर्व का भी अंशदान शुल्क मांग रहा है। पालको का कहना है, कि जब बच्चे स्कूल ही नहीं गए, तो अंशदान शुल्क क्यों दिया जाए? पालको ने मामले में स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों से हस्तक्षेप करने की मांग की है। पालको के मुताबिक अंशदान का शुल्क छात्रों के स्वास्थ्य में खर्च करना होता है। स्कूलों में स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियां नहीं हुई, तो अंशदान की मांग क्यों की जा रही है?
जानिए क्या है रेडक्रास अंशदान
राज्य के समस्त हाई व हायर सेकंडरी स्कूल निजी, सरकारी व अनुदान प्राप्त स्कूलों में जूनियर रेडक्रास की स्थापना की गई है। सक्रिय गतिविधियों के संचालन का लक्ष्य रखा गया है। इसमें प्रमुख रूप से शाला में छात्रों से जूनियर रेडक्रास शुल्क संग्रहण करना है। 30-30 छात्र-छात्राओं का जूनियर रेडक्रास दल का गठन, पंजीयन नवीनीकरण के लिए राज्य शाखा में आवेदन, शुल्क के लिए राज्य शाखा में आवेदन, अंशदान का प्रेषक, शालेय लेखा अभिलेख संधारण, गतिविधियां शामिल हैं।