यही कारण है कि आजकल आंखों में जलन और धुंधला दिखने की शिकायत आम हो गई है। अस्पतालों में इस तरह की शिकायत को लेकर ओपीडी में लंबी कतार दिखने लगी है।
लॉकडाउन के बाद बढ़ी समस्या: मोबाइल और कम्प्यूटर की आदत पिछले लॉकडाउन के बाद से ज्यादा बढ़ी है। सरकारी और निजी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई से जहां बच्चों को मोबाइल की छूट मिली जिससे बच्चों की सेहत भी प्रभावित हुई है। नौकरी पेशा लोग वर्क फ्राम होम के जरिये लैपटॉप और कम्प्यूटर पर अधिक समय गुजारने से आंखों से जुड़ी परेशानियों के मामले बढ़े हैं। इनमे आंखों को पानी सूखने से लेकर संक्रमण के मामले देखे जा रहे हैं। नेत्र रोग विशेषज्ञों के मुताबिक मोबाइल पर खेल खेलने और अधिक टीवी देखने से इस तरह की शिकायतें बढ़ी हैं।
पहले बुजुर्गों में होती थी समस्या
पहले जो समस्याएं बुजुर्गावस्था में हुआ करता था, अब मोबाइल और टीवी की आदतों से लोगों को कम उम्र में ही हो रहा हैं। सारा दिन मोबाइल, लैपटॉप देखने से आंखें थक जाती हैं. स्क्रीन टाइम बढ़ने से ना सिर्फ बड़ों का बल्कि बच्चों की भी आंखें कम उम्र में खराब होने लगा है। देखने की क्षमता लगातार कमजोर हो रही है।
आजकल मोबाइल और लैपटॉप पर काम बहुत आम बात हो गया है। दिन के कई घंटे इसमें आंखे गड़ाए रहने से आंखे काफी थक जाती है। इस वजह से कई बार आंखों से पानी आने लगता है। धुंधलापन की समस्या पैदा होने लगता है। ऐसे में आंखों को आराम देना बहुत आवश्यक है। आंखों को आराम देने के साथ ही आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए हमें कुछ घरेलू उपाय जरूरी है। ताकि भविष्य में आंखों में किसी तरह की परेशानी न आये।
ज्यादा देर तक मोबाइल स्क्रीन पर देखने से आंखों में सिंड्रोम के लक्षण आ जाते हैं। इसमें सिर में दर्द, आंखों में जलन और सूखा पन, थकान के साथ ही कंधे और हाथ में दर्द जैसी समस्याएं आती हैं। इससे बचाव के लिए पलकों को बार-बार झपकाते रहना चाहिए। ताकि आंसू बराबर बना रहे। किसी भी स्क्रीन को 20 डिग्री झुका कर रखना चाहिए। अक्षर का साइज बड़ा रखना चाहिए। कंप्यूटर मॉनिटर या लैपटॉप पर एंटी ग्लेयर फिल्टर होना जरूरी है। एंटी ग्लेयर कोटिंग चश्मे पर भी होना चाहिए।
डॉ टीसी आडवाणी, नेत्र रोग विशेषज्ञ