सीबीआइ कोर्ट का फैसला, रिश्वत लेने के जुर्म में एसइसीएल के मैनेजर को 4 साल की जेल
10 गवाहों के बयान लेने के बाद सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश सुनील कुमार नंदे ने गुरुवार को फैसला सुनाया।

रायपुर. रिश्वत लेते हुए पकड़े गए दक्षिण-पूर्व कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसइसीएल) के मैनेजर शांतनु कुमार पति को 4 साल की सजा और 50 हजार रुपए का अर्थदंड दिया गया है। आरोपी को सीबीआइ ने 3600 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के जुर्म दर्ज किया गया था। इस मामले में 10 गवाहों के बयान लेने के बाद सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश सुनील कुमार नंदे ने गुरुवार को फैसला सुनाया।
सीबीआइ लोक अभियोजक रजत श्रीवास्तव ने बताया कि शांतनु कुमार पति (44) एसइसीएल भटगांव में उपक्षेत्रीय प्रबंधक थे। इस दौरान कोयला खदान के ठेकेदार कृष्णप्रसाद यादव ने 2 लाख 7109 रुपए बकाया राशि का भुगतान करने बिल जमा किया था। इसे पास करने के एवज में आरोपी मैनेजर ने 24 अक्टूबर 2014 को 3600 रुपए की रिश्वत मांगी। इसकी शिकायत ठेकेदार ने भिलाई स्थित सीबीआइ दफ्तर में की थी।
शिकायत की जांच के बाद सीबीआइ ने जाल बिछाकर शांतनु को 27 नवम्बर 2014 को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। मामले की विवेचना करने के बाद कोर्ट में 12 दिसम्बर 2014 को चालान पेश किया गया। न्यायाधीश ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी मैनेजर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और सहपठित धारा 13(1)(डी) के तहत मामला दर्जकर 4 वर्ष का कारावास और 50 हजार रुपए का अर्थदंड दिया है। यह राशि अदा नहीं करने पर शांतनु को 6 माह की अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी।
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