स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक भले ही वायरस में म्युटेशन हो रहे हों, मगर उसका प्रभाव कम है। पहले परिवार के परिवार संक्रमित हो रहे थे, अब ऐसा नहीं है। समय पर जांच, इलाज के बाद व्यक्ति 5-7 दिन में ठीक हो रहा है। यही वजह है कि अब मृत्युदर कम हो गई है। बीते एक सप्ताह में 76 जानें गईं, जिनमें 34 व्यक्ति अन्य बीमारियों से पीडि़त थे, जबकि अप्रैल और मई में रोजाना औसतन 145 जानें जा रही थीं। अब अगर सरकार को तीसरी लहर (Third wave of Coronavirus) के प्रभाव को कम करना है तो टीकाकरण को बढ़ाना होगा।
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रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के 25 जिलों में संक्रमण दर 0.28 प्रतिशत से लेकर 2.89 प्रतिशत के बीच है। इनमें कोरबा में 3.03 प्रतिशत, गरियाबंद में 3.46 प्रतिशत और बीजापुर 4.59 प्रतिशत में संक्रमण दर है। रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और सरगुजा संभाग में हालात पूरी तरह से नियंत्रण में दिखाई दे रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के 25 जिलों में संक्रमण दर 0.28 प्रतिशत से लेकर 2.89 प्रतिशत के बीच है। इनमें कोरबा में 3.03 प्रतिशत, गरियाबंद में 3.46 प्रतिशत और बीजापुर 4.59 प्रतिशत में संक्रमण दर है। रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और सरगुजा संभाग में हालात पूरी तरह से नियंत्रण में दिखाई दे रहे हैं।
टीकाकरण की स्थिति
पहला डोज- हेल्थ केयर वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 वर्ष से अधिक और 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के 62.30 लाख लोगों को पहला डोज लगा।
दूसरा डोज- 12.03 लाख लोगों को दूसरा डोज लग गया।
कोरोना की 2 लहर देख चुका है प्रदेश
18 मार्च 2020 को प्रदेश में कोरोना का पहला केस मिला और सितंबर 2020 में कोरोना की पहली लहर आई। 8 मार्च 2021 से दोबारा कोरोना मरीजों की संख्या बढऩी शुरू हुई और अप्रैल 2021 में कोरोना की दूसरी लहर ने हजारों जानें ले लीं।
पहला डोज- हेल्थ केयर वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 वर्ष से अधिक और 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के 62.30 लाख लोगों को पहला डोज लगा।
दूसरा डोज- 12.03 लाख लोगों को दूसरा डोज लग गया।
कोरोना की 2 लहर देख चुका है प्रदेश
18 मार्च 2020 को प्रदेश में कोरोना का पहला केस मिला और सितंबर 2020 में कोरोना की पहली लहर आई। 8 मार्च 2021 से दोबारा कोरोना मरीजों की संख्या बढऩी शुरू हुई और अप्रैल 2021 में कोरोना की दूसरी लहर ने हजारों जानें ले लीं।
टीकाकरण की भूमिका होगी अहम
अनलॉक होने के 15 से 25 दिन तक रूझान आने लगेंगे कि जो व्यक्ति संक्रमित हो रहे हैं, क्या उनसे संक्रमण फैल रहा है या नहीं। अगर, नहीं तो यह अच्छे संकेत होंगे। राज्य में पहली लहर सितंबर में आई थी और दूसरी अप्रैल में। यानी दोनों के बीच 6 महीने का अंतर है। जो पीक अप्रैल में देखा गया, उतना अब नहीं आएगा। हां, अगर टीकाकरण का कवरेज बढ़ाते हैं तो मुझे लगता है कि हम तीसरी लहर के प्रभाव को काफी कम कर पाएंगे। फिलहाल सतर्कता और जागरूकता दोनों बहुत जरूरी हैं।
(- जैसा डॉ. निर्मल वर्मा, विभागाध्यक्ष पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज कम्युनिटी मेडिसिन ने बताया)
अनलॉक होने के 15 से 25 दिन तक रूझान आने लगेंगे कि जो व्यक्ति संक्रमित हो रहे हैं, क्या उनसे संक्रमण फैल रहा है या नहीं। अगर, नहीं तो यह अच्छे संकेत होंगे। राज्य में पहली लहर सितंबर में आई थी और दूसरी अप्रैल में। यानी दोनों के बीच 6 महीने का अंतर है। जो पीक अप्रैल में देखा गया, उतना अब नहीं आएगा। हां, अगर टीकाकरण का कवरेज बढ़ाते हैं तो मुझे लगता है कि हम तीसरी लहर के प्रभाव को काफी कम कर पाएंगे। फिलहाल सतर्कता और जागरूकता दोनों बहुत जरूरी हैं।
(- जैसा डॉ. निर्मल वर्मा, विभागाध्यक्ष पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज कम्युनिटी मेडिसिन ने बताया)
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खुश होने की 5 बड़ी वजहें
1. संक्रमण दर 1.3 प्रतिशत- 100 सैंपल जांच में 1 व्यक्ति ही मिल रहा संक्रमित।
2. रिकवरी रेट 98 प्रतिशत- 100 व्यक्ति में 98 व्यक्ति कोरोना संक्रमण से जंग जीत चुके हैं।
3. मृत्युदर 1.35 प्रतिशत- इस महामारी से लड़ते हुए 100 में 1 व्यक्ति की जान गई, 99 ने कोरोना वायरस को मात दे दी।
4. एक्टिव मरीज 10 हजार से कम- इतने व्यक्ति संक्रमित , जिनमें से 1000 अस्पताल में हैं। बाकी होम आइसोलेशन में।
5. वायरस में म्यूटेशन मगर प्रभाव कम- प्रदेश में डेल्टा वेरिएंट, यूके वेरिएंट, डबल म्यूटेशन भी पाया गया। मगर वर्तमान में इनका प्रभाव कम है।
1. संक्रमण दर 1.3 प्रतिशत- 100 सैंपल जांच में 1 व्यक्ति ही मिल रहा संक्रमित।
2. रिकवरी रेट 98 प्रतिशत- 100 व्यक्ति में 98 व्यक्ति कोरोना संक्रमण से जंग जीत चुके हैं।
3. मृत्युदर 1.35 प्रतिशत- इस महामारी से लड़ते हुए 100 में 1 व्यक्ति की जान गई, 99 ने कोरोना वायरस को मात दे दी।
4. एक्टिव मरीज 10 हजार से कम- इतने व्यक्ति संक्रमित , जिनमें से 1000 अस्पताल में हैं। बाकी होम आइसोलेशन में।
5. वायरस में म्यूटेशन मगर प्रभाव कम- प्रदेश में डेल्टा वेरिएंट, यूके वेरिएंट, डबल म्यूटेशन भी पाया गया। मगर वर्तमान में इनका प्रभाव कम है।
सावधानी उतनी ही जरूरी
1- मास्क लगाएं। घर से तभी निकलें जब जरूरत हो।
2- दो गज दूरी बनाकर रहें।
3- हाथ नियमित धोते रहें।
1- मास्क लगाएं। घर से तभी निकलें जब जरूरत हो।
2- दो गज दूरी बनाकर रहें।
3- हाथ नियमित धोते रहें।