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टिड्डी दल को देख घबराए किसान, अफसर ने कहा- लोकल है, नुकसान नहीं करेगा

locationरायपुरPublished: Jul 08, 2020 01:32:22 am

Submitted by:

VIKAS MISHRA

रायपुर के सरोना के आसपास हजारों की संख्या में टिड्डियां पेड़ों को खोखला कर रही हैं

टिड्डी दल को देख घबराए किसान, अफसर ने कहा- लोकल है, नुकसान नहीं करेगा

टिड्डी दल को देख घबराए किसान, अफसर ने कहा- लोकल है, नुकसान नहीं करेगा

रायपुर . कोरोना संक्रमण से जूझ रहे छत्तीसगढ़ में टिड्डियों के पहुंचने से एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है। राजधानी रायपुर के सरोना के आसपास हजारों की संख्या में टिड्डियां पेड़ों को खोखला कर रही हैं। मई में पहली बार टिड्डियों का दल प्रदेश के कवर्धा जिले में पहुंचा था। तापमान बढऩे से टिड्डियों का दल गायब हो गया था। एक बार फिर टिड्डियों के पहुंचने से खरीफ फसल की सुरक्षा को लेकर प्रदेश के किसानों की चिंता बढ़ गई है।
पत्रिका टीम से चर्चा करने के बाद कृषि विभाग के एक टीम सरोना, इंद्रपस्थ व रायपुरा के आसपास निरक्षण के लिए पहुची। विभाग के अधिकारी आसपास के किसानों से चर्चा करने के बाद कहा कि ये टिड्डी फसल को कोई नुकसान नहीं पहुचाती। ये सिर्फ पेड़ के पत्ते ही खाते है।
टिड्डियों के भारी संख्या में वृद्धि होने का मुख्य कारण मौसम में आ रहा बदलाव है। जानकारों के अनुसार तीन से पांच माह के अपने जीवनकाल में एक मादा टिड्डी तीन बार तक अंडे दे सकती है। (एक बार में 100-150 अंडे तक दे सकती हैं।) टिड्डियों के एक वर्ग मीटर में एक हजार अंडे हो सकते हैं। नर टिड्डे का आकार 60-75 एमएम और मादा का 70-90 एमएम तक हो सकता है। सरोना में भी कई नए टिड्डियां हंै, जो अभी अंडे से निकले हैं।
कृषि विभाग के संचालक एमएस केरकेट्टा का कहना है कि ये टिड्डियां प्रवासी नहीं हैं, लोकल हैं। बारिश के मौसम में ये ज्यादातर प्रदेशों में पाए जाते हैं।
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