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इसके बगैर धान नहीं लिया जाएगा। शुक्रवार को पहले ही दिन एनआईसी का सर्वर बंद हो गया था। जिसके कारण किसान टोकन नहीं कटा पाए। अब जब वे टोकन कटाने के लिए जा रहे हैं, तो उन्हें दो दिन बाद आने के लिए कहकर उन्हें लौटाया जा रहा है। टोकन नहीं मिलने से समय पर धान की बिक्री नहीं होने से जरूरतमंद किसानों की परेशानी बढ़ सकती है।पहले छोटे किसानों को प्राथमिकता
पत्रिका को मिली जानकारी के मुताबिक विभाग के अधिकारियों ने समिति संचालकों को पहले छोटे किसानों को टोकन वितरित करने की आदेश दिया गया है। इसके बाद बड़े किसानों से खरीदी की जाएगी। अचानक से हुई बारिश के कारण धान में नमी ज्यादा हो गई है। इस वजह से अब खरीदी के दौरान निर्धारित नमी क्षमता को लेकर भी विवाद होने की आशंका है।
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लिखा गया मेन्युवल नाम
रायपुर जिले के 89 धान खरीदी केंद्रो में से छह केंद्र में सिर्फ 4-4 किसानों को टोकन दिया गया। बाकी के सभी केंद्रों में दो से तीन किसानों को टोकन मिल पाया है। पत्रिका ने जिले के चार केंद्रों का जायाजा लिया तो यहां के अधिकारियों ने बताया कि सर्वर बंद होने की वजह से किसानों को टोकन नहीं मिला है, लेकिन केंद्र पहुंचने वाले किसानों की मेन्युअल एंट्री कर ली गई है। सर्वर शुरू होते ही रजिस्टर में दर्ज नाम के क्रमानुसार टोकन वितरण कर दिया जाएगा। रजिस्टर में दतरेंगा में 300 किसानों के नाम दर्ज किए गए हैं। सेजबहार में 210 और भाठागांव में भी 15 किसानों का नाम मेन्युअल दर्ज किया गया है।
यह है आंकड़े
जिला- वितरित टोकन
बस्तर – 31
बीजापुर – 19
दंतेवाड़ा – 14
कांकेर – 26
कोंडागांव- 54
नारायणपुर- 2
बिलासपुर – 64
गौरेला-पेंड्रा- 3
जांजगीर-चांपा-141
कोरबा- 8
मुंगेली- 18
रायगढ़- 16
बालौद-12
बेमेतरा-124
दुर्ग-1
कवर्धा-84
राजनांदगांव-123
बलौदाबाजार-33
धमतरी-15
गरियाबंद-10
महासमुंद-14
रायपुर-89
बलरामपुर-1
जशपुर-16
कोरिया-51
सरगुजा-6
सूरजपुर-13
कुल-988